बेरोजगारी पर पीएम मोदी ने दी सफाई, कहा रोजगार में नहीं बल्कि डेटा में है कमी
मोदी सरकार के कार्यकाल को एक साल से भी कम का वक्त बचा है ऐसे में चुनाव में जाने से पहले सरकार किसी भी मोर्चे पर पिछड़ना नहीं चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी कड़ी में विपक्ष की ओर से लगाए गए नौकरियां न देने के आरोपों का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने बीते 4 साल के भीतर रोजगार के कई नए मौके दिए हैं लेकिन आंकड़ों की कमी की वजह से विपक्ष सरकार को घेरने का अवसर पा लेता है।
एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष अपनी पसंद से सरकार को दोषी ठहराता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सड़क परिवहन, रेलवे, एयरलाइंस और कई तरह के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विकास किया है और इसी वजह से रोजगार के पर्याप्त मौकों में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 70 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं हैं और गरीबी भी घटी, लेकिन क्या बगैर नौकरियां पैदा किए हुए ऐसा मुमकिन था।
रोजगार के आंकड़े जुटाने की समस्या
पीएम मोदी ने कहा कि समस्या रोजगार देने की नहीं, इसके आंकड़ों के कलेक्शन की है। हमारे पास नए भारत की नई अर्थव्यवस्था में नए रोजगारों का डाटा जमा करने लायक सिस्टम नहीं है। मोदी ने रोजगार के आंकड़े जुटाने के सवाल पर कहा कि देश के गांवों में तीन लाख से ज्यादा उद्यमी हैं। ये कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं और रोजगार पैदा कर रहे हैं। करीब 15 हजार स्टार्ट अप कई नौकरियां दे रहे हैं। सरकार भी इनकी मदद कर रही है. कई और भी स्टार्ट अप शुरू होने वाले हैं।
असंगठित क्षेत्र के आंकड़े और भी ज्यादा
पीएम ने कहा कि ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 के बीच 41 लाख नौकरियां पैदा हुईं। पिछले साल 70 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं। पीएम ने कहा कि देश की 80 फीसदी नौकरियां असंगठित क्षेत्र से हैं और जब संगठित क्षेत्र में ही 8 महीनों में 41 लाख नौकरियां पैदा हुईं तो कुल रोजगार का आंकड़ा और भी ज्यादा होगा।
एक साल में 48 लाख एंटरप्राइजेज
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर पिछले साल जुलाई तक 66 लाख एंटरप्राइजेज रजिस्टर्ड हुए थे। उनके कार्यकाल में केवल एक साल में 48 लाख एंटरप्राइजेज रजिस्टर्ड हुए हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या इनसे नौकरियां सृजित नहीं हुई हैं? इसके साथ ही पीएम ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 12 करोड़ से ज्यादा (माइक्रो) लोन बांटे गए हैं, इनमें से भी हर लोन में एक से ज्यादा लोगों की आजीविका तो चल ही रही होगी।
निर्माण क्षेत्र से मिला रोजगार
पीएम मोदी ने दावा किया कि पिछले एक साल में एक करोड़ से ज्यादा घर बने हैं। इससे भी कई लोगों को रोजगार मिला है, हर महीने रोड निर्माण दोगुना हुआ है। रेलवे लाइनें, हाइवे, एयरलाइंस का काम ज्यादा तेजी से चल रहा है, इनसे भी रोजगार बढ़ा है।
राज्य नौकरियां दे रहे तो केंद्र भी दे रहा
विपक्षी दलों और आलोचकों के सरकार के इन आंकड़ों पर शक करने के बारे में मोदी ने कहा कि जब राज्य सरकारें इतने रोजगार पैदा करने का दावा कर रही हैं तो केंद्र भी कुछ काम कर ही रहा होगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की पिछली सरकार ने 53 लाख नौकरियों का दावा किया। पश्चिम बंगाल की सरकार का दावा है कि उन्होंने 68 लाख लोगों को रोजगार दिया तो क्या केंद्र रोजगार उपलब्ध नहीं करा रहा होगा? स्रोत : आजतक