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पीएम मोदी और जशोदाबेन शादी के 3 साल में 3 दिन ही रहे साथ, जानें क्या थी वजह

पीएम मोदी और जशोदाबेन शादी के 3 साल में 3 दिन ही रहे साथ, जानें क्या थी वजह

नरेंद्र मोदी की पहचान भारत के प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में जानी जाती है। नरेंद्र मोदी के जीवन के विषय में चर्चा करें तो यह सभी जानते हैं कि देश की सेवा के लिए मोदी ने बहुत ही कम उम्र में अपना घर-परिवार त्याग दिया था। घर छोड़ने के बाद मोदी ने दो साल के लिए भारत की यात्रा की और गुजरात लौटने से पहले कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। 1971 में वह आरएसएस के लिए स्थायी कार्यकर्ता बन गए। 1975 में देश में आपातकाल के दौरान, मोदी को छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरएसएस ने उन्हें 1985 में बीजेपी को सौंपा, और उन्होंने 2001 तक पार्टी के भीतर कई पदों पर रहे और वह महासचिव के पद तक बढ़ गए।

पीएम मोदी और जशोदाबेन शादी के 3 साल में 3 दिन ही रहे साथ, जानें क्या थी वजह

केशुभाई पटेल ख़राब स्वास्थ्य और खराब सार्वजनिक छवि के कारण भुज में भूकंप के बाद मोदी को 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। बचपन की बात की जाय तो मोदी आठ साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए थे जिससे वह आज भी जुड़े हुए हैं। हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के बाद मोदी देश के सेवा करने के लिए घर छोड़कर चले गए थे। कहा जाता है कि घर छोड़ने की एक और वजह उनकी शादी भी थी। आपको बता दें कि मोदी सिर्फ 13 वर्ष के थे जब जशोदाबेन से उनका विवाह हुआ था, उनकी पत्नी की उम्र 18 वर्ष थीं।

दोनों ने एक साथ बहुत कम समय बिताया और जब मोदी हिंदू आश्रम की यात्राओं और दो साल की भारत की यात्रा शुरू कर रहे थे, तब दोनों अलग हो गए। कथित तौर पर मोदी ने इस शादी को गुप्त रखा क्योंकि अगर करते तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ‘प्रचारक’ नहीं बन सकते थे। मोदी ने अपने राजनीतिक करियर के अधिकांश समय के लिए अपनी शादी को गुप्त रखा। उन्होंने पहली बार अपनी पत्नी के रूप में जशोदाबेन का नाम सार्वजानिक रूप से स्वीकार किया जब उन्होंने 2014 के आम चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया।

वर्तमान समय में प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी जशोदाबेन एक जर्जर मकान में रहती हैं। ये मकान है गुजरात के ब्राह्म्णवारा गांव में जो कि उनका मायका है। यहाँ वह अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह अपने परिवार संग बेहद सादगीभरी ज़िन्दगी गुज़ार रहीं हैं। शिक्षक की नौकरी से रिटायर होने के बाद मात्र 14,000 रूपये की पेंशन से वह अपना जीवन व्यापन कर रही हैं। गाँव के लोग बताते हैं कि जशोदाबेन मोदी के खिलाफ कोई भी बात नहीं सुन सकती हैं और उनकी फोटो हमेशा अपने पास रखती हैं। जशोदाबेन का अपने पति के प्रति यह प्रेम अमूल्य है इसलिए क्यूंकि बरसों पहले मोदी उन्हें अपनी पत्नी के रूप में त्याग कर चुके हैं। फिर भी वह इतनी पतिव्रता हैं कि आज भी वह खुद को मोदी की पत्नी मानती हैं।

पीएम मोदी और जशोदाबेन शादी के 3 साल में 3 दिन ही रहे साथ, जानें क्या थी वजह

2014 में हुए लोकसभा चुनावों के समय जशोदाबेन ने एक इंटरव्यू में दिया था। उस इंटरव्यू में उन्होंने मोदी से अपने रिश्ते को लेकर खुलकर बात की थी। उन्होंने उस समय कहा था कि मोदी ज़रूर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 18 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी से हो गयी थी। जिसके कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। लेकिन मोदी चाहते थे कि वह पढ़ाई करें। एक दिन मोदी ने उनसे कहा कि उन्हें अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करनी चाहिए। जशोदाबेन ने आगे बताया कि अलग होने के बाद हमारे बीच कभी कोई संपर्क नहीं रहा।

जब उनसे इंटरव्यू में पूछा गया कि उनका और मोदी का कभी झगड़ा हुआ तो इस पर उन्होंने कहा कि “हमारे बीच कभी झगड़ा नहीं हुआ, हमारी शादी 3 साल चली जिसमे हम सिर्फ 3 दिन ही साथ रहे। हमारा रिश्ता ज़्यादा नहीं चला क्यूंकि कई बार मई जब ससुराल जाती थी तब वह वहां नहीं होते थे। बाद में उन्होंने घर आना भी बंद कर दिया कुछ समय बाद मैंने खुद ससुराल जाना बंद कर दिया। ”

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने दूसरी शादी क्यों नहीं की इस पर उन्होंने बताया कि “पहली शादी का अनुभव ऐसा मिला था जिसे दिल स्वीकार नहीं कर पा रहा था। इस वजह से मुझे दूसरी शादी का ख्याल भी नहीं आया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अभी भी क़ानूनी रूप से मोदी की पत्नी हैं इस पर उन्होंने कहा कि हर बार जब उनका नाम लिया जाता है तो कभी कबि वहां मेरा भी जिक्र होता है। यदि मैं उनकी पत्नी नहीं होती तो आप भी मुझसे बात नहीं करते।”

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