हड्डियों में इस तरह का दर्द होना बोन कैंसर के हैं संकेत, जानें कारण और उपचार
अगर किसी के हड्डियों में ज्यादा समय से थकान और दर्द जैसी समस्या है तो ये संकेत बोन कैंसर का संकेत हो सकता है। लगातार हड्डियों में दर्द होने पर जल्द ही डॉक्टर्स से सलाह लेनी चाहिए। इसमें जरा भी देर नहीं करनी चाहिए क्यूंकि बोन कैंसर काफी घातक साबित हो सकता है। तो चलिये आज हम आपको बताते हैं बोन कैंसर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जिसके बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए।
बोन कैंसर के प्रकार
प्राइमरी
प्राइमरी बोन कैंसर में हड्डियों से शुरू होते हुए ये धीरे-धीरे पुरे शरीर में फ़ैल जाता है। सबसे पहले इसकी कोशिकाएं हड्डियों पर प्रभाव डालती हैं। ये अपनी अलग अलग अवस्थाओं में बढ़ता है।
सेकेंडरी
सेकेंडरी बोन कैंसर से पीड़ित कोशिकाएं सारी स्वास्थ्य कोशिकाओं को बर्बाद कर देती हैं। इसके अतिरिक्त ये धीरे- धीरे पुरे शरीर में फैलना शुरू कर देती हैं। बता दें कि ये कैंसर शरीर के किसी एक हिस्से में ही फैलना शुरू होता है। ये कैंसर उन्हीं लोगों में होता है जिनमें फेफड़ों सम्बन्धित , ब्रेस्ट कैंसर या फिर प्रोटेस्ट कैंसर होता है।
ऑस्टियो सार्कोमा
ऑस्टिओ सार्कोमा बोन कैंसर में एक सामान्य कैंसर है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये कैंसर अधिकतर कूल्हों ,कन्धों तथा घुटनों के नजदीक के भाग में होता है, महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा होता है।
कंड्रों सार्कोमा
बोन कैंसर में यह कैंसर सबसे ज्यादा 40 और 70 के बीच के उम्र के लोगों में पाया जाता है। यह भी कुल्हों और कंधों के आस पास ज्यादा पाया जाता है। इसमें सबसे अधिक जोड़ों में दर्द होता है।
इविंग सार्कोमा
कम उम्र के लोगों में यह कैंसर ज्यादातर हो जाता है, यानी कि यह पांच साल से बीस साल तक के बीच के उम्र वाले लोगों में ज्यादा होता है। अधिकतर यह कैंसर हाथों, पैर ,बाजू तथा पसलियों आदि जगहों से शुरू होता है।
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बोन कैंसर का उपचार
शल्य चिकित्सा द्वारा
कई बार बोन कैंसर में सर्जरी की सहायता लेनी पड़ती है, अगर बोन कैंसर बहुत अधिक फ़ैल गया है तथा रोगी को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं या बोन कैंसर जोड़ के आस पास है तो इस स्थिति में शल्य चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
लिंब साल्वेज सर्जरी
जब बोन कैंसर से ज्यादा तकलीफ होने लगती है तो रोगी को लिंब साल्वेज सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी के दौरान को भाग बोन कैंसर से ग्रसित है उसे अलग कर दिया जाता है और बाकी जो अंग हैं उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा दी जाती है।
विच्छेदन
जब मरीज की स्थिति बेहद गंभीर जो जाती है तब इस उपचार को किया जाता है।इस सर्जरी में रोगी को बचाने के लिए शरीर के उस अंग को ही काट कर अलग कर दिया जाता है जो बोन कैंसर से ग्रसित होता है।
कीमोथेरपी
अगर बोन कैंसर रक्त के माध्यम से पूरी कोशिकाओं में फ़ैल जाता है तो उस स्थिति में कीमोथेरपी की जाती है। इस थेरपी के दौरान रक्त में उपस्थित कैंसर को बिल्कुल खत्म करने की कोशिश की जाती है।