इस जगह पर अंबानी खोलने जा रहे हैं जियो इंस्टीट्यूट, जानें कौन पढ़ेगा व कैसे होगा एडमिशन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी इन दिनों अपने जियो इंस्टीट्यूट को लेकर सुर्ख़ियों में छाए हुए हैं। मुकेश अंबानी ने रिलायंस की 42वीं एजीएम में जियो इंस्टीट्यूट के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसके बारे में हम आज आपको बताएंगे। इस इंस्टीट्यूट में कौन पढ़ेगा और यह कहाँ बनेगा सबके बारे में आपको जानकारी देंगे। दरअसल इस जियो इंस्टीट्यूट के बारे में बताते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि ‘रिलायंस फाउंडेशन की ये ग्रीनफील्ड परियोजना देश के तीन निजी संस्थानों बिट्स पिलानी और मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन में से एक है। इस साल जियो इंस्टीट्यूट के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के टैग के लिए सिफारिश की गई है और सरकार द्वारा अभी तक एक आशय पत्र जारी किया गया है।’
बता दें कि रिलायंस की 42वीं एजीएम में शेयरहोल्डर्स ने कहा कि ‘हम उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए इसे विश्वस्तरीय संस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ इस इंस्टीट्यूट के बारे में आगे मुकेश अंबानी ने कहा कि ‘कंपनी को सरकार की ओर से जियो इंस्टीट्यूट, इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस फ्रेमवर्क के तहत एक लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) प्राप्त हुआ है और जियो इंस्टीट्यूट के लिए सरकार से उनको लेटर ऑफ इंटेंट मिला है. पिछले 5 साल में कंपनी ने 5.4 लाख करोड़ रुपए निवेश किए हैं।’
जियो इंस्टीट्यूट में पुलवामा में शहीद हुए जवानों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। मुकेश अंबानी ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए रिलायंस टास्कफोर्स बनाएगी जो आने वाले समय में बड़े ऐलान करेगी।’ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लेटर ऑफ इंटेट पाने वाले संस्थानों के संबंध में बताया कि ‘ग्रीनफील्ड संस्थानों को अपने संस्थान की स्थापना और संचालन के लिए 3 साल की अवधि मिलेगी, और उसके बाद, ईईसी (अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति) इन्हें एमिनेंस का दर्जा दे सकेगी।’ इस बयान के चलते कथित तौर पर ईईसी को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सूचित किया है कि वह अगले दो वर्षों में Jio संस्थान में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
इस टैग को पाने के लिए बहुत सारे संस्थानों की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सिफारिश की थी। जियो इंस्टीट्यूट के बारे में बताया जा रहा है की यह 800 एकड़ में नवी मुंबई के पास करजत में खुलेगा। जियो इंस्टीट्यूट पिछले साल भी विवादों का हिस्सा बना हुआ था और इसमें सरकार पर भी निशाना साधा गया था।
दरअसल पिछले साल सरकार ने जियो इंस्टीट्यूट को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ टैग के लिए विचार करने की श्रेणी में रखा था जिसके चलते लोगों ने इस निर्णय पर विवाद खड़ा कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सफाई देते हुए एचआरडी मंत्रालय ने कहा था कि ‘चयन समिति ने एक निष्कर्ष पर पहुंचाया है कि 11 आवेदनों में से केवल Jio संस्थान ने सभी चार मापदंडों को पूरा किया है और इसलिए एक संस्थान की स्थापना के लिए एक आशय पत्र जारी करने की सिफारिश की गई थी।’