इमरजेंसी के दौरान भी सक्रिय थे मोदी, अंडरग्राउंड होकर कर रहे थे ये काम
26 जून, 1975 को सुबह 8 बजे ऑल इंडिया रेडियो पर जब देशवासियों ने इंदिरा गांधी की आवाज सुनी तो हर किसी की आंखें बस खुली की खुली ही रह गईं। उन्होंने रेडियो पर अपने संबोधन में कहा, ‘भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। इससे आतंकित होने का कोई कारण नहीं है। प्रेसीडेंट ने इमरजेंसी लगा दी है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है।’
आज देश में इस घटना को 43 वर्ष हो गए हैं तो भारतीय जनता पार्टी देशभर में कांग्रेस के खिलाफ हल्लाबोल करने भारपूरी तैयारी कर ली है। ऐसा बताया जा रहा है की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री देश के अलग अलग हिस्सों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विट्टर हैंडेल से भी आपातकाल से जुड़े कई ट्वीट किए गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें की आपातकाल लागू होने के बाद पूरे देश में तकरीबन दो वर्षों तक नेताओं को बंदी बनाया गया, प्रेस की आजादी पर रोक लगाई गई और सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि जबरन नसबंदी भी लागू कराया गया। आपको बता दें की इस आपातकाल के दौर में संघर्ष और आंदोलन कर कई नेता उभरे जिनमे से कुछ आज देश के उच्च पदों पर हैं। नीतीश कुमार, रविशंकर प्रसाद, अरुण जेटली, लालू प्रसाद यादव जैसे तमाम दिग्गज नेता भी इमरजेंसी के दौरान चर्चा में बने और आज उनका कद इतना बड़ा हो गया है।
हालांकि इस सब के बीच कई लोग यह भी सवाल उठा रहा है की इमर्जेसी के दौरान देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहाँ थे और क्या कर रहे थे। खुद पीएम मोदी ने भी कई बार अपने भाषणों में आपातकाल के दौर का जिक्र किया है और इसकी काफी आलोचना भी की है।
इमरजेंसी के दौरान क्या कर रहे थे पीएम मोदी
बताया जाता है की आपातकाल लागू होने के बाद कई नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा था हालांकि उस दौरान आरएसएस पूरी तरह से सक्रिय था और बहुत ही गोपनीय तरीके से अंडरग्राउंड रहकर काम कर रहे थे। अन्य आरएसएस के प्रचारकों की तरह नरेंद्र मोदी को भी आंदोलन, सम्मेलनों, बैठकों, साहित्य का वितरण आदि के लिए व्यवस्था बनाने की कई सारी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इमरजेंसी के वक़्त मोदी, नाथा लाल जागडा के साथ-साथ वसंत गजेंद्र गाडकर के साथ बहुत ही सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। बता दें की इमरजेंसी के दौरान ही आरएसएस पर बैन भी लगा दिया गया था और साथ ही साथ कई संघ के प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया था।
भेष बदलकर सक्रिय थे मोदी
ऐसा बताया जाता है की उस समय मोदी ने आरएसएस के कुछ सदस्यों तथा नाथा लाल जागडा को स्कूटर पर ले जा कर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया। हालांकि इमरजेंसी के दौरान सूचना प्रसारण आदि सम्पूर्ण रूप से बंद था, मगर इन सब बातों से इतर मोदी ने संविधान, कानून, कांग्रेस सरकार की ज्यादतियों के बारे में तमाम जानकारीयों से युक्त साहित्य, गुजरात से अन्य राज्यों के लिए जाने वाली ट्रेनों आदि में रखवाई थी।
ऐसा भी बताया जाता है की मोदी कई बार अलग अलग रूप बदलकर जेल भी जाते थे और जेल में नेताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाते थे।