जानें, सुख-दुख में हमेशा साथ निभाने वाले आंसू आखिर किससे बने होते हैं
रोना भले ही किसी को पसंद न हो लेकिन प्यार और दुख के ऐसे कई मौके आते हैं जब लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। आंसुओं का संबंध हमारी मनोदशा से होता है | आप भी कभी न कभी रोएँ होंगे और आपने बहुतों को रोते भी देखा होगा, अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग ज़रा सी बात पर रोने लगते हैं, तो कोई बात करते समय रोने लगते हैं, तो कुछ फ़िल्म के भावुक सीन देखकर आंसू बहाने लगते हैं, रोने की कोई भी वजह हो लेकिन उनको रोना आता है|
आखिर किससे बनेे होते हैं ये आंसू
लेकिन क्या आप जानते है जो आंसू हमारी आँखों से बिना कुछ किये ही निकल जाता है वो आंसू क्या सिर्फ पानी होता है या कुछ और आज हम आपको बतायेगे की आखिर आंसू बनता कैसे है | वैसे तकनीकी रूप से आंसू आंख में होने वाली दिक्कत का सूचक है। ये आँख को शुष्क होने से बचाता है और उसे साफ और कीटाणु रहित रखने में मदद करता है। ये आंख की अश्रु नलिकाओं से निकलने वाला तरल पदार्थ है जो पानी और नमक के मिश्रण से बना होता है।
कुछ तथ्यों से पता चला है की कुछ वैज्ञानिक आंसू की संरचना को लेकर काफी उत्सुक है और हाल ही में वैज्ञानिको की एक टीम ने लिपिड्स की एक क्लास खोजी है जो की पूरी तरह से फैट का बना होता है आंसू के बारे में जानने पर यह पता चला कि प्रत्येक आँसू की एक ड्रॉप लिपिट और अन्य फैट की बाहरी लेयर व इनर लेयर mucus से बनी होती है फिर दोनों लेयर एक सैंडविच की फॉर्म में होकर एक पानी की लेयर बनाते हैं। जिससे आंसुओ का निर्माण होता है |
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वैज्ञानिकों की टीम ने इस अध्ययन को Investigative Ophthalmology & Visual Science जर्नल में प्रकाशित किया था मनोवेज्ञानिकों का कहना है कि जब भी इंसान को रोना आए उसे उसी समय रो लेना चाहिये, रोकना नहीं चाहिये। रोने से आपकी कोई हानि नहीं होगी बल्कि फायदा ही फायदा होगा जैसे आप तनाव से मुक्त रहेगे ,दृष्टी में सुधर होगा ,शांति महसूस होगी एवं संपूर्ण शरीर स्वस्थ रहेगा |इसलिए जीवन में खुश रहने के लिए कभी कभी रोना भी आवश्यक है |