Makar Sankranti 2020: जानें किस दिन मनाया जाएगा ये पर्व, धार्मिक व वैज्ञानिक महत्त्व
नए साल के शुरुआत के साथ ही त्यौहारों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सबसे पहले आता है मकर संक्रांति का पर्व। मकर संक्राति जनवरी के चौदहवें या पंद्रहवें दिन मनाया जाता है। ज्योतिषशास्त्र में भी इसका काभी महत्व है, ज्योतिषशास्त्र की माने तो जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब यह पर्व मनाया जाता है। इस बार 14 जनवरी की रात में सूर्य उत्तरायण होंगे और बुधवार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
त्यौहार का धार्मिक महत्व
आपको बता दें कि इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। सूर्य का उत्तरायण होना शुरुआत से ही काभी शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार असुरों पर विष्णु की विजय के हर्ष पर मकर संक्रांति मनाई जाती है।
इस माह का क्या है महत्व
महाभारत के अनुशासन पर्व में माघ माह के स्नान, दान, उपवास और माधव पूजा का महत्व बताते हुए बताया गया है कि इन दिनों में प्रयागराज(इलाहाबाद) में अनेक तीर्थों का समागम होता है इसलिए जो प्रयाग या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते है वह तमाम पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक के अधिकारी हो जाते है। इसके लिए तुलसीदासजी ने श्री रामचरित्रमानस के बालखण्ड में लिखा है कि माघ मकर गति रवि जब होई ,तीरथपतिहिं आव सब कोई !!’धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के दौरान मारे गए अपने रिश्तेदारों को सदगति दिलाने हेतु मार्कण्डेय ऋषि के सुझाव पर कल्पवास किया था। इतना ही नहीं गौतमऋषि द्वारा शापित इंद्रदेव को भी माघ स्नान के कारण श्राप से मुक्ति मिली थी।
वैज्ञानिक महत्व
इस त्यौहार में मुख्य रुप से खिचड़ी, तिल और गुड़ से बनी मिठाई बांटने और खाने का प्रचलन है। आयुर्वेद की माने तो इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं कई बीमारियों की कारण बन सकती हैं, इसलिए खिचड़ी, तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाई खाई जाती है। तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाई खाने से शरीर के अंदर रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
चीजों के फायदे
मकर संक्रांति के दिन प्रसाद के तौर पर खाए जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। खिचड़ी से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसके साथ साथ अगर खिचड़ी मटर और अदरक मिलाकर खाई जाएं तो शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है। यह शरीर के अंदर बीमीरियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।