दुबई का ये काला सच जानकर आप रह जाएंगे हैरान, आजतक दुनिया को नहीं था पता
दुबई एक ऐसा शहर है जहां की जिन्दगी के बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता ही रहता है। हमे लगता है कि ना जाने कैसा शहर होगा? क्या खास होगा? क्यूकि हमारे हिसाब से और बाकियों के हिसाब से भी दुबई बहुत ही ग्लैमरस शहर है। वहां की जिन्दगी बहुत ही अलग और अच्छी है। वो जगह काफी सुंदर है और ये सब सोच के हम अपने मन में ये धारणा बना लेते हैं कि ये शहर वाकई बहुत अच्छा है। और उसमे रहने वाले लोग काफी खुश नसीब।
लेकिन आज हम आपको उस दुबई से रूबरु करवाएंगे जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा ना ही कभी जाना होगा। ये आपके सपनो के दुबई से एक दम अलग है। तो आइए बताते हैं आपको इसके बारे मे।
आपने दुबई की बड़ी बड़ी इमारतों को तो देखा ही होगा और देख के काफी प्रभावित भी हुए ही होंगे पर क्या आप इसके पीछे की सच्चाई जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि इन इमारतों को आखिर बनाया किसने है। इन इमारतों को बनाने वाले मजदूर भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आते हैं और इनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता है।
दुबई की बड़ी बड़ी बिल्डिंग में काम करने वाले मजदूर कड़ी धूप में 14 घंटों तक काम किया करते हैं और इनकी आय का 50% हिस्सा भी कंपनियां रख लेती हैं।
दुबई की बड़ी बड़ी इमारतों में काम करने वाले मजदूरों का पासपोर्ट भी कंपनियां अपने पास ही रख लेती हैं।
दुबई की बिल्डिंग में मजदूरी करने वाले लोगों को तकरीबन एक कमरे में 10 लोगों को रखा जाता है। इससे उन्हे बहुत परेशानी होती है पर किस्मत के हाथों मजबूर ये लोग कुछ नहीं कर पाते बस सहते रहते हैं।
मजदूरों को तो समय पर खाना तक प्राप्त नहीं हो पाता है। क्योंकि कंपनी मजदूरों का पैसा काफी समय तक अपने पास ही रख लेती है।