पूजा के दौरान शंख बजाने से बरसती है हरि की कृपा, होते है अन्य कई सारे लाभ
पूजा-अर्चना में आपने अक्सर शंख की ध्वनि सुनी होगी| लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि आखिर लोग शंख क्यों बजाते हैं और शंख पूजा-उपासना में बजाना क्यो जरूरी हैं| दरअसल शास्त्रो में शंख को बड़ा ही कल्याणकारी माना गया हैं और ऐसा माना जाता हैं कि शंख देवी लक्ष्मी जी का भाई हैं| इसलिए पूजा-उपासना में शंख के प्रयोग से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं| इसके अलावा शंख को बजाने के अन्य कई लाभ हैं, आइए उन लाभों के बारे में जानते हैं|
शंख बजाने के लाभ
दरअसल शंख को धन का प्रतीक माना जाता हैं, ब्रहंवैवर्त पुराण के अनुसार शंख चंद्रमा और सूर्य के अनुसार देवस्य माना गया हैं| सनातन धर्म में पूजा स्थान पर शंख रखने की परंपरा हैं क्योंकि ऐसा माना जाता हैं कि पूजा स्थान पर शंख रखने से नकारात्मक शक्तियों और विपत्तियों का नाश होता हैं| शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का ढांचा हैं, पौराणिक कथाओं में शंख की उत्पत्ति समुद्र से मानी जाती हैं|
शंख को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि जहां शंख होता हैं वहाँ लक्ष्मी जी का वास जरूर होता हैं| इसलिए मंगलकार्यों और धार्मिक कार्यों में शंख बजाना शुभ माना जाता हैं और इसकी स्थापना पूजा वाले स्थान पर की जाती हैं| ऐसे में आप दीपावली, होली, महाशिवरात्री, नवरात्रि इत्यादि शुभ कार्यों में शंख की स्थापना अपने पूजा घर में करे| ऐसा माना जाता हैं कि शंख के स्पर्श मात्र से साधारण जल भी गंगाजल के समान पवित्र हो जाता हैं|
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इतना ही नहीं शंख बजाना सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखता बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी हैं| वैज्ञानिकों के मुताबिक शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध हो जाता हैं और जहां तक इसकी ध्वनि पहुँचती हैं वहाँ तक के किटाणुओं का नाश हो जाता हैं| इसके अलावा शंख बजाने से हृदय रोग और फेफड़ो जैसी बीमारियों का खतरा टल जाता हैं| रोजाना शंख बजाने से वाणी दोष भी समाप्त हो जाते हैं अर्थात शंख बजाने का सिर्फ धार्मिक ही महत्व नहीं बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी हैं| दरअसल शंख की ध्वनि सुनने से मन में एक अजीब सी शांति की अनुभूति होती हैं|