गणपती विसर्जन 2019: जानें कब और कैसे करें गणपति की विदाई, जरूर रखें ये लाल पोटली
भगवान श्री गणेश का आगमन गणेश चतुर्थी के दिन होता हैं और अनंत चतुदर्शी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता हैं| बता दें कि हर साल गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता हैं परंतु हर कोई दस दिनों तक विधि-विधान पूर्वक पूजा नहीं कर पाता हैं जिसके कारण वह दस के अंदर ही भगवान गणेश का विसर्जन कर देता हैं| हर व्यक्ति भगवान गणेश को अपने यहाँ डेढ़ दिन, चार दिनों तक स्थापित करते हैं और फिर उनका विसर्जन कर देते हैं| ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि गणपती विसर्जन कब और कैसे करे, साथ में ये लाल पोटली रखना ना भूले|
गणपती विसर्जन करने का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी इस साल 12 सितंबर, गुरुवार को है। हालांकि यह पूरा दिन शुभ माना जाता है और आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय विसर्जन कर सकते हैं। परंतु सुबह 6 बजे से लेकर 7 बजे तक, सुबह 9 बजे से लेकर 10 बजकर 30 मिनट तक, दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक अशुभ समय है। इस समय को छोड़कर आप किसी भी समय भगवान गणपती की प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं|
गणपती विसर्जन के नियम
देवी-देवताओं को पानी में डुबोया जाता हैं, इसके लिए भक्तगण नदी, तालाब या फिर कुंड में देवी-देवताओं के प्रतिमा को विसर्जित करते हैं| हालांकि बड़े शहरों में तालाब बहुत कम मात्रा में होते हैं इसलिए लोग जमीन में गड्ढा खोद करके प्रतिमा का विसर्जन करते हैं| इतना ही नहीं यदि आपने अपने घर भगवान गणपती की छोटी प्रतिमा स्थापित की हैं तो आप किसी बड़े बर्तन में भी उनका विसर्जन कर सकते है| लेकिन एक बाद का ध्यान रहे कि आपके पैर में जल ना लगे|
सभी देवी-देवता किसी ना किसी मंत्र से बंधे होते हैं और उन्हें मंत्र के उच्चारण से उन्हें बुलाया जाता हैं और फिर प्रतिमाओं में मंत्रों का जाप करके प्राण डाला जाता हैं और फिर उसी प्रतिमा को विसर्जित किया जाता हैं| विसर्जन के समय देवी माँ लक्ष्मी व सरस्वती के अलावा सभी देवी-देवताओं से उनका नाम लेकर कहा जाता है कि ‘क्षमस्व स्वस्थानम् गच्छ’। अर्थात आप अपने स्थान पर जाएं और देवी माँ लक्ष्मी और सरस्वती को विदा नहीं किया जाता है बल्कि इनके लिए कहा जाता है ‘ओम सांग-सवाहन-सपरविार भूर्भवः स्वः श्रीसरस्वती पूजितोसि प्रसीद प्रसन्ना-मयि रमस्व’ और यदि माँ लक्ष्मी की पूजा कर रहे हों तो इस मंत्र में सरस्वती की जगह माँ लक्ष्मी का स्मरण करे|
विदाई में जरूर रखे ये लाल पोटली
भगवान गणपती का विसर्जन करने से पहले उनकी पूजा करें। इसके लिए गणेश जी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं और फिर गणपति को विदाई के लिए उन्हें वस्त्र पहनाएं। अब एक लाल एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाई और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें। अब विदाई से पहले गणेश जी की आरती करें और जयकारे लगाएं। आरती करने के बाद गणेश जी से क्षमा-प्रार्थना करके उनसे भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे और फिर पूजा सामग्री और हवन सामग्री को गणेश जी के साथ जल में विसर्जित कर दें, उनसे अगले साल जल्दी आने की कामना भी करे|
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