जानें, इस बार कब है करवाचौथ, ये है मुहूर्त और पूजा विधि
17 अक्टूबर 2019, गुरुवार को करवाचौथ का पर्व पड़ रहा हैं| इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात के समय चाँद देखने के बाद व्रत तोड़ती है| करवाचौथ को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि यदि इस दिन विवाहित महिलाएं उपवास रखती हैं तो उनके पति की आयु लंबी होती हैं और पति-पत्नी के बीच संबंध अच्छे बने रहते हैं, साथ में दोनों के बीच प्यार बढ़ता हैं| करवाचौथ व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहल शुरू होता हैं और चाँद निकलने तक रखा जाता है| व्रत रखने के लिए सांस अपने बहुओं को सरगी देती हैं और इस सरगी से ही बहुए अपने व्रत की शुरुआत करती है|
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
करवाचौथ के व्रत का पूजा मुहूर्त 17 अक्टूबर 2019, गुरुवार को 17 बजकर 50 मिनट 3 सेकेंड से 18 बजकर 58 मिनट 47 सेकेंड तक का हैं यानि आपको पूजा करने के लिए एक घंटे आठ मिनट का समय मिलने वाला है| करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय 20 बजकर 15 मिनट 59 सेकेंड हैं, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करे और सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करे|
करवाचौथ व्रत की पूजा विधि
इस दिन सूर्योदय होने से पहले उठ जाए और फिर सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन ग्रहण करे और फिर पानी पिये, पानी पीने के बाद भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत करने का संकल्प ले| इस दिन महिलाएं पूरे दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं करती हैं, शाम के समय चाँद का दीदार करने के बाद ही कुछ खाती और पिती हैं| पूजा करने के लिए शाम के समय एक मिट्टी की एक वेदी बनाए और शिव परिवार के सभी देवताओं की मूर्ति स्थापित करे क्योंकि इस दिन शिव परिवार यानि भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश भगवान और कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं|
अब एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जला ले, पूजा चाँद निकलने के एक घंटे पहले ही शुरू कर दे| इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर भी पूजा करती हैं, पूजन के पश्चात करवाचौथ की कथा अवश्य सुने| इसके बाद चाँद को छलनी से देखें और फिर अर्घ्य दे, अब चाँद की पूजा करे| पूजा करने के बाद चाँद को देखे और फिर अपने पति के हाथों से जल पीकर व्रत तोड़े, यदि आपके पति आपसे दूर हैं तो आप उनकी तस्वीर सामने रखकर अपना व्रत तोड़ सकती हैं| ऐसा भी मान्यता हैं कि इस दिन बहुए अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये इत्यादि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं|