इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर दिखेगा सबसे बड़ा चंद्रमा, दान करने से मिलेगा अक्षय पुण्य
इस साल 23 नवंबर, शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हैं और इस दिन निकलने वाला चाँद 70 सालो के बाद सबसे बड़ा होगा| बता दें कि इस दिन निकलने वाला चाँद 180 अंश पर स्थित होता हैं और इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणें सकरात्मक ऊर्जा से भरी होती हैं और यह किराने सीधे व्यक्ति के दिमाग पर प्रभाव छोड़ती हैं| पृथ्वी के काफी करीब होने के कारण चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर ज्यादा पड़ता हैं इसलिए पूर्णिमा वाले दिन मनुष्य को अपनी मानसिक ऊर्जा में वृद्धि करने के लिए चंद्रमा को अर्घ्य जरूर देना चाहिए|
भविष्य पुराण के मुताबिक वैशाख, माघ और कार्तिक माह की पूर्णिमा स्नान व दान के लिए सबसे श्रेष्ठ होता हैं| इस दिन व्यक्ति को गंगा स्नान करना चाहिए या फिर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाना चाहिए| स्नान के बाद भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए और व्रत भी रखना चाहिए| कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गाय का दूध, केला, खजूर, नारियल व अमरूद इत्यादि का दान करना लाभप्रद होता हैं, इस दिन ब्राह्मण, बहन व बुआ इत्यादि को दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं|
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पूर्णिमा पर स्नान
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए सबसे पहले हाथ-पैर धो ले इसके बाद अपने हाथों में कुशा लेकर स्नान करे| ऐसे में यदि आपने स्नान में कुश और दान करते समय हाथ में जल व जाप करते समय संख्या का संकल्प नहीं किया तो आपको कर्म फलों से संपूर्ण पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। जो लोग गृहस्थ हैं वो तिल व आंवले का चूर्ण लगाकर स्नान करे तो उन्हें असीम पुण्य मिलता है और विधवा स्त्रियों व संन्यासियों को तुलसी के पौधे की जड़ में लगी मिट्टी को अपने पूरे शरीर में लगाकर स्नान करना चाहिए।
माँ लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न
यह दिन देवी माँ लक्ष्मी का अत्यंत प्रिय दिन है। इस दिन देवी माँ लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की कभी कमी नहीं रहती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देवी माँ लक्ष्मी सुबह 5 बजे से 10:30 मिनट तक पीपल के पेड़ में वास करती हैं|