कपूर का ये चमत्कारी उपाय बदल देगा आपकी किस्मत, एक बार जरूर करें
कपूर उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है और इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है| जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है, जिसकी वजह से मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है। दरअसल वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में इसके महत्व और इस्तेमाल के बारे में बताया गया है। इसके अलावा कपूर के कई औषधि के रूप में भी बहुत सारे फायदे हैं। इसलिए आज हम आपको बताएँगे कि आप कपूर से कैसे संकट मुक्त होकर मालामाल बन सकते हैं और कैसे आप अपने ग्रह और घर को भी बाधा से दूर रख सकते हैं|
(1) कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। इतना ही नहीं अक्सर लोग यह शिकायत करते हैं कि उन्हें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र होता है। इसलिए इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें। लेकिन यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कपूर जला दे। इसके अलावा घर के शौचालय और बाथरूप में कपूर की 2-2 टिकियां रख दें।
(2) आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारा क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनता हैं। इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कपूर जला दे|
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(3) यदि आप अपने घर मे सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना चाहते है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कपूर को घी में भिगोकर जलाएं और पूरे घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट होती हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिक भी मानते हैं कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है|
(4) यदि आप धन पाना चाहते हैं तो गुलाब के फूल में कपूर का टुकड़ा रखें और शाम के समय फूल में एक कपूर जला दें और फूल को देवी दुर्गा को चढ़ा दें। इस उपाय को आप कभी भी शुरू कर सकते हैं और इसे लगतार 43 दिन तक करे, तभी आपको लाभ मिलेगा| लेकिन यदि यह कार्य नवरात्रि में करेंगे तो और भी ज्यादा लाभदायक होगा|
(5) पति-पत्नी के बीच बढ़ रही दूरियों को दूर करने के लिए पत्नी रात को सोते समय अपने पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति अपनी पत्नी के तकिये में कपूर की 2 टिकियां रख दें और सुबह होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर किसी उचित स्थान पर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर शयन कक्ष में जला दें।