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भारतीय रीति-रिवाजों में महिलाओं के सोलह शृंगार के साथ विज्ञान का है काफी गहरा संबंध, आप भी जान जाएं

भारतीय रीति-रिवाजों में महिलाओं के सोलह शृंगार के साथ विज्ञान का है काफी गहरा संबंध, आप भी जान जाएं

हम अक्सर शादी-शुदा भारतीय महिलाओ को सजते सवरते हमने देखा हैं| शादी-शुदा महिलाए सोलह शृंगार करती हैं| हमारे भारतीय संस्कृति के रीति-रिवाजो में सुहागिन महिलाओ के सोलह शृंगार को काफी महत्व दिया जाता हैं| उस हर शादी-शुदा लड़की से कामना की जाती हैं की वह शादी के बाद उन सोलह शृंगार की मर्यादा को बनाए रखे तथा मरते दम तक श्रद्धा के साथ निभाए और सुहागिन महिला इसे श्रद्धा के साथ निभाती भी हैं| हमारे यहाँ जो परंपरा सदियो से चली आ रहीं हैं यह दो लोगों के बीच प्यार के संबंध को और भी मजबूत बनाती हैं और विश्वास की एक मिसाल खड़ी करता है| जिससे की पति-पत्नी का दांपत्य जीवन और भी सुखमय हो जाता है|

शादी के बाद लड़की का सिंदूर लगाना आवश्यक माना गया हैं, केवल सिंदूर ही नहीं इसके साथ कई आभूषण भी महिलाए पहनती है भले ही महिलाए ये सब अपने पति की लंबी उम्र के लिए पहनती हैं या अपनी शोभा बड़ाने के लिए करती हो परंतु आप को क्या मालूम हैं की यह धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ वैज्ञानिक तौर से भी लाभ प्रदान करता है| आज हम आपको महिलाओ के इन्ही सोलह शृंगार के लाभों के बारे में बताएँगे जो की आपको ही क्या सभी को जानना बहुत आवश्यक है| आइए जानते हैं की किस प्रकार से हमारे शरीर के अंगो को किस प्रकार फायदा पहुंचाते हैं ये सोलह शृंगार….

मंगल  सूत्र

एक शादी-शुदा महिला की पहचान उसके मंगल सूत्र से होती हैं| मंगल सूत्र शादी-शुदा महिलाओ के लिए एक अहम गहना हैं| मंगल सूत्र उनके सुहाग की निशानी मानी जाती हैं| महिलाएं किसी भी शृंगार को करना भूल सकती हैं परंतु वो मंगल सूत्र पहनना नहीं भूल सकती हैं| इसका वैज्ञानिक तथ्य भी शामिल हैं| जो यह बात बताते हैं की इसको गले में डालने से शरीर का ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होता हैं और दिल से संबन्धित बीमारी को दूर रखने में सहायक होता हैं|

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ईयररिंग-

ईयररिंग शादी-शुदा महिलाओ के साथ कुंवारी लड़कियां भी पहनती हैं| आज हम आपको बताते हैं की कान में पहनने वाली बाली हमारे शरीर में एक्युंपंचर का कम करती हैं| और इसे चीन के लोग स्वास्थ्य को सही रखने के तर्क पर ही पहनते थे| ईयररिंग पहनने से हाम्रा स्वास्थय तो ठीक रहता ही हैं साथ ही यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओ से भी निजात दिलाता हैं| इसके अलावा सोचने समझने की शक्ति को बड़ाते हुए हर समस्या का समाधान करने के लिए हमारे मेमोरी को सही बनाए रखता हैं|

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चुड़ी-

चूड़ी हाथो में पहनी जाने वाल एक शृंगार हैं| यह हाथो की सुंदरता को चार चाँद लगा देता हैं| काँच की रंग-बिरंगी चुड़ियाँ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का भी संकेत देती हैं| और इसके खनखनाहट हमें एक पॉज़िटिव ऊर्जा भी देती हैं | इसके साथ ही ये चूड़िया ब्लडप्रेशर को कंट्रोल रखते हुए हार्ट-बिट को नार्मल भी बनाए रखता हैं| इसके साथ ये रंग-बिरंगी चूड़िया हमारे गले संबंधी रोगो से भी निजता दिलवाती हैं|

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बिछिया-

सोलह शृंगारो मे बिछिया भी अहम होता हैं| बिछिया हमारे शरीर का सबसे अंतिम गहना होता हैं| जो शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में काफी मदद करता है| इसे पहनने से हमारा नर्वस सिस्टम के साथ-साथ रिप्रोडक्टिव सिस्टम भी बिलकुल स्वस्थ रहता है|बिछिया पहनने का एक लाभ यह भी हैं की यह ब्लडप्रेशर को सही रख पीरियड्स से जुड़ी समस्याओ का समाधान कर्ता हैं|

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पायल-

महिलाओ का पहनना भी एक शृंगार हैं| इसकी खनखनाहट से सकारात्मक एनर्जी मिलती हैं पैरो में चाँदी का पायल पहना जाता हैं| यह मोटापे के साथ रोगों को दूर करने का काम भी करता हैं|

भारतीय रीति-रिवाजों में महिलाओं के सोलह शृंगार के साथ विज्ञान का है काफी गहरा संबंध, आप भी जान जाएं

नोजपिन-

हर एक शृंगार में नथनी का भी अलग ही महत्व हैं| इसके पहनने के भी कई फायदे हैं| इसके पहनने सांस समस्याओ के साथ हर महीने होने वाले पीरियड्स संबंधी तकलीफ़े भी दूर करने में मदद होती हैं| क्योंकि बाएँ नाक की नर्व का संबंध सीधे महिलाओ को रिप्रोड्क्टिव सिस्टम से होता हैं| जो प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओ से बचाता हैं|

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मांग टिका-

बालो के बीच मांग में लगाया जाने वाला टीका हमारे शरीर के हिट को कंट्रोल करने का काम करता हैं| इसके साथ ही दिमाग एमआरएन तनाव के चलते ज्यादा प्रेशर बन जाता हैं| उसे भी कंट्रोल में लाने का काम करता हैं|

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सोने के आभूषण-

हमारे यहा अक्सर महिलाओ को सोने के आभूषण पहनते देखा जाता हैं| महिलाओ के लिए सोने के अभूसन पहनना उत्तम माना गया हैं| सोने में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण पाये जाते हैं| जो महिलाओ का रंग निखारने के साथ-साथ उनको जवान बनाए रखने में भी मदद करते हैं|

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चांदी के आभूषण

सोने के आभूषण के साथ चाँदी के आभूषण पहनना भी लाभदायक होता है| इसके पहनने से कई बीमारिया दूर होती है| खास तौर पर चाँदी के गहनों से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द के रोगों में राहत मिलती है। हड्डियों को मजबूत करने में चाँदी के आभूषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं|

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