मेक इन इंडिया में जुड़ा एक और नया अध्याय, अब देश को मिला सुपर कंप्यूटर ‘परम शिवाय’, जानें इसकी खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा द्वारा चलाई गयी डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया आज एक नए मुकाम पर पहुँच गयी हैं| भारत में निर्मित 833 टेराफ्लॉप क्षमता का पहला सुपरकंप्यूटर का लोकार्पण नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी के आईआईटी बीएचयू में किया गया| सुपरकंप्यूटर के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री द्वारा शोध के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया हैं| ऐसे मे आइए जानते हैं इस सुपरकंप्यूटर के खूबियों के बारे में, जो शोध के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करने वाली हैं|
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मशीन के तहत इस सुविधा को आईआईटी बीएचयू में शुरू किया गया हैं| इस संस्थान के निदेशक ने कहा कि सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने एनएसएम श्रृंखला के तहत के 833 टेराफ्लॉप क्षमता का पहला कंप्यूटर ‘परम शिवाय का निर्माण कर लिया गया हैं| इसके आगे उन्होने कहा कि जिस अनुसंधान को पूरा करने में महीनों तक का समय लगता था, उसे उस सुपरकंप्यूटर की सहायता से मिनटों में पूरा किया जा सकता हैं|
इतना ही नहीं उन्होने कहा कि इसका लाभ आईआईटी बीएचयू और बीएचयू के संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों और शोध छात्रों को तो मिलेगा ही, इसके अलावा उत्तर प्रदेश के आस-पास के इंजीनियर कॉलेज के वैज्ञानिकों, शिक्षकों, शोध छात्रों, सरकारी शोध प्रयोगशालाओं में चल रही राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को 40 प्रतिशत तक की कंप्यूटर पावर दी जाएगी| इन सबके के अलावा नवोदय विद्यालय के छात्रों को बेसिक सुपरकंप्यूटर से परिचित कराया जाएगा और आम लोगों से संबन्धित प्रासंगिक सामाजिक समस्याओं जैसे सिंचाई योजना, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य, सस्ती दवाओं की खोज इत्यादि का निवारण किया जाएगा|
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‘परम शिवाय’ का उपयोग इन क्षेत्रों में होगा
सुपरकंप्यूटर परम शिवाय का उपयोग वैज्ञानिकों क्षेत्रों में स्वदेशी सुपरकंप्यूटर सॉफ्टवेयर का विकास किया जाएगा और इसके तहत ही मानव संसाधन को प्रशिक्षित किया जाएगा| इसके अलावा जलवायु मॉडलिंग, मौसम की भविष्यवाणी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, भूकंपीय विश्लेषण, वित्त, आपदा सिमुलेशन और प्रबंधन वृहद डाटा एनालिटिक्स, सूचना संग्रह आदि कई क्षेत्रों में इस सुपरकंप्यूटर का प्रयोग किया जाएगा|