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Tulsi vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त, विधि

Tulsi vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त, विधि

हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही अधिक पवित्र माना जाता है। तुलसी के पत्ते का उपयोग भगवान विष्णु की पूजा के लिए किया जाता है। प्रबोधिनी एकादशी यानी कि शुक्लपक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के साथ तुलसी जी का विवाह बहुत ही शानदार तरीके से मनाया जाता है। तुलसी विवाह मानसून के अंत का प्रतीक है। प्रति वर्ष तुलसी विवाह बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है।

तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त

द्वादशी तिथि आरंभ : 19 नवंबर को दोपहर 2 :29 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त : 20 नवंबर को 2:40 बजे

Tulsi vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त, विधि

तुलसी विवाह तिथि

19 नवंबर को सोमवार के दिन देवउठनी एकादशी है, बहुत सारे जगहों पर तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी तिथि को होती है, द्वादशी तिथि 20 नवंबर को पड़ रही है।

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Tulsi vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त, विधि

तुलसी विवाह विधि

सबसे पहले आप तुलसी के पौधे को एक पटरी पर रख कर आंगन या पूजा घर के ठीक बीचों बीच रखें। मंडप बनाकर उसमें सुहाग की सारी वस्तुवें रख कर लाल चुनरी चढ़ा दें। मंडप पर हल्दी का लेप लगाएं। उस गमले में शालिग्राम रख दे।ध्यान रहे कि शालिग्राम पर अक्षत नहीं चढ़ाया जाता है। तिल चढ़ा सकते हैं। कपूर से आरती कर 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें। प्रसाद अवश्य बांटे। पूजा समाप्त होने के बाद घर के सभी सदस्य के साथ मिलकर पटिए को उठा कर भगवान विष्णु के जागने का आवाह्न करें।

तुलसी विवाह का महत्व

हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का अपना अलग ही महत्व है। इसका धार्मिक महत्व के साथ ही साथ वैज्ञानिक महत्व भी है । वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक तुलसी का पौधा स्वास्थ्य के दृष्टि से भी अधिक फायदेमंद होता है। तुलसी माता को लक्ष्मी मां का ही रूप माना जाता है। इनका विवाह शालिग्राम के साथ हुआ था। शालिग्राम भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के ही रूप हैं।

Tulsi vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त, विधि

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की देवयानी एकादशी को भगवान विष्णु 4 माह के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। 4 माह के बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जगते हैं। अगर किसी के घर कन्या नहीं है और चाहते हैं कि कन्या दान का सुख प्राप्त करना चाहता है तो उसे तुलसी विवाह करने से ये सुख प्राप्त होता है । माना जाता है कि जिस घर में तुलसी जी की पुजा की जाती है उनके घर में कभी धन की कमी नहीं रहती।

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