पवन जल्लाद को निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए मिले इतने पैसे
16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसी घटना को अंजाम दिया गया था जिसने ना केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था, इस दिन अक्षय, पवन, अफरोज, विनय, मुकेश और राम सिंह ने मिलकर दिल्ली की सड़कों पर चलती हुई बस में एक जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। इलाज़ के दौरान निर्भया की मृत्यु हो गईं थीं, इस घटना से पूरे देश रोष में था। दिल्ली पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़ लिया था जिसके बाद उनमें से एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया जहां उसे 3 साल की सजी मिली।
पवन जल्लाद ने खुद किया खुलासा
एक अन्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या करली थी जिसके बाद इस केस से जुड़े केवल 4 आरोपी ही बचे थे। लगातार चली कानूनी कार्यवाही के बाद 10 सिंतबर 2013 को चारों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गईं लेकिन उसके बाद दया याचिका और फांसी को रोकने के लिए आरोपियों के वकील की तरफ से कई दलीलें कोर्ट में पेश की गईं। आखिरकार 18 दिसम्बर 2019 को सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया गया।
लेकिन आरोपियों के वकील ने किसी ना किसी तरह की दलील दें दे कर उन आरोपियों की फांसी कोर्ट में टलवाने की बहुत कोशिश की। निर्भया के माता-पिता और पूरा देश उन आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटका देखना चाह रहा था और आखिरकार उन आरोपियों को 20 मार्च 2020 सुबह 5:30 बजे फांसी देने का निर्णय हुआ।
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पवन जल्लाद को बुलाया गया
जेल में कैदियों को फांसी देने के लिए जल्लाद की आवश्यकता होती हैं लेकिन दिल्ली के तिहाड़ जेल में जल्लाद ना होने की वजह से पवन जल्लाद को मेरठ से बुलाया गया। पवन को लेने दिल्ली पुलिस की टीम खुद मेरठ गईं थी और अपनी सुरक्षा में ही पवन को तिहाड़ लेकर आए थे। इससे पहले भी पवन 2 बार तिहाड़ आ चुके थे लेकिन फांसी टलने की वजह से वो आरोपियों को फांसी नहीं दे सके थे। आखिरकार 20 मार्च के दिन उन्हें यह मौका मिला जब उन्होंने सभी आरोपियों को फांसी दी।
कितने रूपये मिले जल्लाद को
आमतौर पर जल्लाद को एक व्यक्ति को फांसी देने के लिए 15000 रूपये मिलते हैं तो पवन जल्लाद ने कुल 4 लोगों को फांसी दी तो उन्हें जेल प्रशासन के द्वारा 60,000 रूपये दिए गए। पवन जल्लाद के उन चारों आरोपियों को फांसी देने के साथ ही निर्भया को न्याय मिल गया जिसका इंतज़ार पूरे देश को पिछले 7 सालों से था।