इस वजह से अशुभ माना जाता है थाली में एक साथ तीन रोटियां रखना, जानें क्या है इसका कारण
हमारे यहाँ मान्यता हैं की थाली में एक साथ तीन रोटियाँ नहीं रखनी चाहिए| खाना देते समय यह ध्यान दिया जाता हैं की भूल से किसी भी व्यक्ति को खाने के लिए तीन रोटियाँ ना दिया जाए| खाना परोसते वक्त थाली में दो या चार रोटियां रखें ना की तीन| थाली में तीन रोटियां परोसना अशुभ माना जाता हैं| इसी कारण यदि जरूरत पड़ने पर किसी को तीन रोटियाँ देनी भी पड़ती हैं तो उसमें से एक रोटी को दो भागो में आधा-आधा करके देते हैं इससे रोटियों की संख्या चार मानी जाती हैं| इस मान्यता के पीछे का क्या आधार हैं आइए जानते हैं|
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ये हैं कारण
ज्योतिषशास्त्री बताते हैं की हिन्दू मान्यता के अनुसार तीन संख्या को अशुभ माना जाता हैं| इसलिए किसी भी शुभ काम मे तीन संख्या का विशेष ध्यान दिया जाता हैं| किसी भी धार्मिक काम हो या कोई अनुष्ठान, किसी भी शुभ कार्य में तीन वस्तुओं को शामिल नहीं किया जाता हैं| यहीं नियम खाना परोसने के पहले भी पालन किया जाता हैं| माना जाता हैं की खाने में तीन रोटियां किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसके त्रयोदशी संस्कार से पहले निकाले जाने वाले भोजन में ली जाती हैं| जिसे की भोजन निकालने वाले के अलावा कोई और नहीं देखता है इसलिए किसी भी व्यक्ति द्वारा तीन रोटियाँ खाना मृतक के भोजन के समान माना गया हैं| तीन रोटियां खाने से आपके मन में शत्रुता के भाव उत्पन्न होते हैं|
वैज्ञानिक तथ्य भी छिपें हैं इस मान्यता में
प्राचीन समय से हमारे यहाँ जो भी मान्यता चली आ रहीं हैं उसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य जरूर छिपें रहते हैं| ऊर्जा विशेषज्ञों की माने तो किसी आम व्यक्ति के लिए एक बार के भोजन में दो चपाती, एक कटोरी दाल, 50 या 100 ग्राम चावल और एक कटोरी सब्जी को एक समय के भोजन के लिए संतुलित माना गया हैं| 40 से 50 ग्राम की एक कटोरी में 600-700 कैलोरी ऊर्जा होती हैं| दो रोटियों से 1200 से 1400 कैलोरी ऊर्जा मिल जाती हैं|