हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पल्लू में बांधे 1 रुपये का सिक्का, खुल जाएगी पति की बंद किस्मत
हरतालिका तीज सुहागन महिलाओं के लिए एक प्रमुख व्रत त्यौहार है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज पर्व मनाया जाता हैं| इस बार हरितालिका तीज 12 सितंबर को पड़ रहा हैं| दरअसल भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व होता है। हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी और सौभाग्यवती महिलाएं करती हैं। इसके अलावा विधवा महिलाएं भी इस व्रत को रख सकती हैं। हरतालिका तीज का व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है।
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ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज का व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज का पूजन करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। यदि जिस महिला के पति उससे प्यार नहीं करते वो महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखें और सायं के समय सोलह शृंगार करके शिव के मंदिर जाए और उन्हें थोड़ा इत्र और जल चढ़ाये|
इसके बाद माता पार्वती को सिंदूर और चुनरी अर्पित करे| इसके बाद ॐ गौरी श्ंकराए नमः मंत्र का 108 बार जाप करें| पुजा समाप्त होने के बाद माता पार्वती को अर्पित चुनरी में 11 रुपये बांध ले और फिर उसको अपने पास रखें| इसके बाद आप देखिये की कैसे आपके पति आपके पास दौड़े चले आते हैं| इसके अलावा आपके पति का भाग्य भी खुल जाएगा| इस दिन यदि जो महिला व्रत रखती हैं तो अपने पति से छल-कपट ना करे और इस दिन अपने पति से दूर ना रहे|