गुप्त नवरात्र 2019: कब और कैसे करें मां की साधना, जानें व्रत विधि व पूजा में सावधानी
माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता हैं और ऐसा माना जाता हैं कि वो इस जगत में शक्ति का संचार करती हैं| इसलिए उनकी पूजा-अर्चना के लिए साल में दो बार नौ दिनों तक उनके नौ रूपों की पूजा की जाती हैं, जिसे चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र कहते हैं| लेकिन इन दो नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र भी पड़ते हैं, जिसमें देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है, यह बहुत कठिन होता हैं और यह तंत्र विद्या में विश्वास करने वाले लोगों के लिए बहुत खास होता|
दरअसल इस साल गुप्त नवरात्र 3 जुलाई से लेकर 11 जुलाई तक हैं और नवरात्र पारण 11 जुलाई को दशमी के दिन होगा| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आषाढ़ और अश्विन माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं और इसके बारे में बहुत कम लोगों को मालूम होता हैं|
व्रत और पूजा विधि
मान्यता के मुताबिक गुप्त नवरात्र की पूजा अन्य नवरात्रि के भांति ही करनी चाहिए| ऐसे में आप नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिपदा को घटस्थापना कर रोजाना सुबह-शाम माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करे| अष्टमी या फिर नवमी के दिन कन्याओं का पूजन के साथ व्रत का उद्यापन करें| वहीं तंत्र-मंत्र करने वाले साधक माँ के दस महाविद्याओं की आराधना करते हैं, ये दस महाविद्याएं माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।
गुप्त नवरात्रि का व्रत और पूजा करने वाले लोग इस बात का खास ध्यान रखे की पूजा या फिर व्रत करते समय आपसे कोई गलती ना हो जाए| इसलिए गुप्त नवरात्रि का व्रत करने के लिए पूरी जानकारी होना आवश्यक हैं, इसके साथ ही जो भी व्यक्ति तंत्र-मंत्र के लिए देवी के दस महाविद्याओं की आराधना करना चाहता हैं तो वो भी इस बात का ध्यान रखे कि किसी भी मंत्र का उच्चारण या फिर कौन से मंत्र का प्रयोग कहाँ करना चाहिए, इसके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा कर ले|
इसके लिए आप किसी ज्योतिष या फिर किसी पुजारी से अवश्य पूछ ले वरना मंत्र के उच्चारण में कोई भी चूक हुयी तो गुप्त नवरात्रि के व्रत और पूजा करने का गलत असर पड़ सकता हैं| इसलिए गुप्त नवरात्रि का व्रत करने के लिए थोड़ी सावधानी अवश्य बरतें ताकि आपको देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनकी कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहे|
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