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ब्रेकिंग : मोदी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, बंद होने वाले हैं ये 4 मुख्य सरकारी बैंक

ब्रेकिंग : मोदी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, बंद होने वाले हैं ये 4 मुख्य सरकारी बैंक

हमारे देश में कुछ बैंक लंबे समय से घाटे में चल रहे हैं जिसकी वजह से सरकार पर भी लगातार वित्तीय दवाब बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर में सुधार लाने के लिए तत्कालीन सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 4 मुख्य बैंकों का विलय करने की तैयारी शुरू कर दी है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की बैंकिंग सेक्टर की सेहत सुधारने के लिए मोदी सरकार यह बड़ा कदम उठाने जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है की सरकार एक मेगा मर्जर के प्लान पर काम कर रही है जिसके तहत देश के 4 सरकारी बैंक, IDBI, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) तथा बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) को मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाने की तैयारी हो रही है।

ब्रेकिंग : मोदी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, बंद होने वाले हैं ये 4 मुख्य सरकारी बैंक

माना जा रहा है की यदि ऐसा हो गया तो भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बाद यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन कर उभरेगा। इन बैंकों को मिलाकर तैयार नए बैंक के पास कुल संपत्ति 16.58 लाख करोड़ रुपए की होगी।

घाटे में चल रहे है चारो बैंक

जानकारी के लिए बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018 में इन चारों बैंकों को कुल मिलाकर करीब 21646 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जिसकी वजह से सरकार ने इन चारों बैंकों को मर्ज करके एक नया बैंक बनाने का प्रस्ताव लाया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में बैंकों की हालत सुधारने में कामयाबी मिलेगी और साथ ही साथ ही कमजोर बैंकों की वित्तीय हालत में भी सुधार हो सकेगा।

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किसको हुआ कितना घाटा

IDBI को वित्तीय वर्ष 2018 में 8237 करोड़ रुपए का घाटा।

OBC को वित्तीय वर्ष 2018 में 5872 करोड़ रुपए का घाटा।

CBI को वित्तीय वर्ष 2018 में 5105 करोड़ रुपए का घाटा।

BOB को वित्तीय वर्ष 2018 में 2432 करोड़ रुपए का घाटा।

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बताना चाहेंगे की यदि ऐसा हो जाता है तो इसके बाद कमजोर बैंक अपने घाटे को कम करने के लिए उन तमाम ब्रांचों को भी बंद कर पाएंगे, जहां उन्हे काफी ज्यादा घाटा सहना पड़ता था। वहीं दूसरी तरफ बैंक उन क्षेत्रों में अपनी शाखाओं को जारी रखते हुए उसका विस्तार भी कर सकेंगे, जहां बैंक फायदे में है। हालांकि इस मर्जर के बाद बैंक अपने कर्मचारियों की छंटनी भी कर सकता है जिससे कई को नए रोजगार की संभावना मिल सकती है तो कुछ लोगों के समस्या भी आ सकती है। बैंकों की खस्ताहालत को सुधारने के लिए केंद्र सरकार बैंकों में हिस्सेदारी बेचने पर भी विचार कर रही है।

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