शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास में फिट रहने के हैं ये नियम, जानें क्या खाएं क्या नहीं
होली के त्यौहार के जाने के साथ ही फाल्गुन माह भी समाप्त हो जाता हैं, फाल्गुन के खत्म होने के बाद चैत्र का महीना शुरू हो जाता हैं, चैत्र का महीना हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का पहला महीना होता हैं। शास्त्रों के अनुसार चैत्र का महीना काफी पावन होता हैं इसी पावन महीने में ही नवरात्र भी आते हैं, अगर पुराणों की बात की जाएं इसी महीने में सृष्टि का भी निर्माण हुआ था। इन सबके अलावा इस महीने में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता हैं जिसके कारण शूरू में खरमास भी लगा रहता हैं, शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास में अगर खान-पान को लेकर कुछ सावधानी बरती जाएं तो आप स्वस्थ रह सकते हैं।
चैत्र मास में करें इन चीजों का सेवन
पेट को स्वस्थ रखने के लिए
ज्यादातर बीमारी पेट से ही शुरू होती हैं ऐसे में अगर पेट को स्वस्थ रखा जाएं तो हम कई बीमारियों से अपने आप को बचा लेंगे, चैत्र के महीने में नीम का सेवन करना बड़ा ही लाभकारी होता हैं जैसा कि हम सब जानते हैं कि नीम में काफी गुण होते हैं और यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं। चैत्र मास में अगर नियमित रूप से खाली पेट नीम के कोपलों का सेवन किया जाएं तो यह पेट के लिए काफी लाभदायक हैं।
नमक का सेवन बंद कीजिए
यह भी कहा जाता हैं कि अगर चैत्र माह के 15 दिनों में अगर नमक के सेवन का त्याग कर दिया जाएं तो यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता हैं, ऐसा भी माना जाता हैं कि यह उपाय करने से हमारें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती हैं। इसके अलावा पुराणों के अनुसार चैत्र महीने में ही सूर्य ग्रह और सभी ग्रहों एवं सभी ऋतु का मिलन होता हैं जिससे ही सम्वत का निर्माण होता हैं।
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किस तरह के खाने से करें परहेज
कहा गया हैं कि इस महीने में ज्यादा तैलीय भोजन और मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए, कहा जाता हैं कि चैत्र मास में ऋतु संक्रमण होने के कारण हमारी पाचन शक्ति ज्यादा प्रभावित होती हैं इसी वजह से मसालेदार और तैलीय खाने से परहेज करना बताया गया हैं।
दूध पीते समय सावधानी
इस महीने दूध पीते समय भी आपको सावधानी रखने की जरूरत हैं, कहा जाता हैं कि चैत्र महीने में सादा दूध नही पीना चाहिए, आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से पेट में कीड़े उत्पन्न होने लगते हैं। इसके लिए दूध में आप गुड़ या मिश्री मिलाकर भी पी सकती हैं। एक बात का ध्यान और रखना हैं कि बुखार में आप दूध ना पिए।