अमृतसर ट्रेन हादसाः पटाखों की गूंज में दब गई सैंकड़ों लोगों की चीखें, कई घरों के बुझे चिराग
अमृतसर में कल विजयादशमी के दिन रावण दहन देखने गए लोगों के साथ एक बहुत बड़ा हादसा हो गया| दरअसल शुक्रवार शाम को रावण दहन देख रहे 200 लोग ट्रेन के चपेट में आ गए और इसमें से 70 लोगों की मौत हो गयी, 142 लोग बुरी तरह से घायल हो गए| बता दें कि मारे गए बच्चो में से ज़्यादातर की मौत भगदड़ के दौरान पैर से कुचले जाने की वजह से हो गयी|
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ट्रेन के नीचे आने से मरे और घायल हुये लोगो के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सबसे पहले पुलिस की फोर्स पहुँच गयी| पुलिस वालो ने घायलो को एंबुलेंस के साथ अपनी गाड़ियों में भी अस्पताल पहुंचाया| इसके अलावा पुलिस वालो लाशों को भी उठाया और वहाँ के लोगों ने लाशों को ढकने व उठाने के लिए चादर और कंबल भी दिये| यह दृश्य इतना मार्मिक था कि पुलिस वालो के भी आंखे नम हो गयी|
पुलिस वाले जब मरे हुये लोगों की बोटियाँ इकठ्ठा कर रहे थे तो उनके मुंह से भी आह निकल जा रही थी क्योंकि वो भी इंसान हैं और ऐसे में इतना मार्मिक दृश्य देख कर किसी की भी आह निकल सकती हैं| इसके अलावा वहाँ मौजूद कुछ ऐसे लोग भी थे जो ना खुद लाशों को उठा रहे थे और ना ही पुलिस वालो को लाश उठाने दे रहे थे| यहाँ तक कुछ लोगों ने अपने परिजनों तक के लाशों को उठाने नहीं दिया| जिसके कारण रात एक बजे तक ट्रैक क्लियर नहीं हो पायी|
खुद मौके पर पुलिस कमिश्नर पर पहुंचे और मारे गए लोगों के परिजनो से बातचीत की और अपनी टीम का हौंसला बढ़ाने के लिए वो अंत तक वहीं मौजूद रहे। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर ने माइक से लोगों को शांति बनाए रखने को बोलते रहे और अपनी टीम को तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए बोल रहे थे| इसके अलावा वहाँ मौजूद लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर भी अपना गुस्सा निकाला| ऐसे में मौके के हालात को देख कर वहाँ बीएसएफ के जवानों को बुलाया गया|