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Do You Know: रिटायरमेंट के बाद सिपाही से डीजी तक की वर्दी कहाँ चली जाती है?

केंद्रीय अर्धसैनिक फोर्स हमेशा हमारी सेवा में कार्यरत रहते हैं जिस प्रकार देश के फौजी देश की सीमा पर तैनात रहते हुए देश के नागरिकों की रक्षा करते हैं उसी प्रकार देश के अलग-अलग राज्यों में केन्द्रीय अर्धसैनिक फोर्स यही जिम्मेदारी निभाती हैं। बहुत से लोगों का सपना होता हैं केंद्रीय अर्धसैनिक बल में भर्ती होकर सेवा करना। इस फोर्स में एक सिपाही से लेकर डीजी तक बहुत से पद होते हैं ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल होता हैं जब भी कोई अधिकारी रिटायर होता हैं तो उसकी वर्दी का क्या होता हैं, चलिए आज के इस लेख में हम यहीं जानने की कोशिश करते हैं।

कैसे दी जाती हैं रिटायरमेंट पर विदाई

हर किसी पद पर आसीन अधिकारी का विदाई समारोह अलग-अलग होता हैं अगर कोई डीजी रैंक का अधिकारी रिटायर होता हैं तो उनको जिप्सी में बैठाने के बाद मुख्यालय तक उनको जिप्सी को रस्सी के द्वारा खींचा कर विदाई दी जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई सिपाही या हवलदार रैंक का अधिकारी होता हैं तो उसे उसके इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों द्वारा विदाई पार्टी जाती हैं।

रिटायरमेंट के बाद वर्दी का क्या होता है

para military India
Forces

जब भी कोई सहायक कमांडेंट से लेकर डीजी रैंक तक का अधिकारी रिटायर होता हैं तो वो रिटायर होने के बाद अपनी वर्दी को अपने साथ ही लेकर चले जाते हैं। अगर किसी सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के पद के कर्मचारी ने अपनी वर्दी अपनी फोर्स से इशू करवाई हो तो रिटायर होने के कुछ समय बाद उन्हें उसे वापिस करना पड़ता हैं। जब उनको वर्दी उनके फोर्स द्वारा जारी की जाती हैं तो उन्हें उसके बदले में एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता हैं। हालांकि कुछ अधिकारियों द्वारा वर्दी भत्ता लेने के बाद वर्दियों को अपने माप के द्वारा तैयार करवा लिया जाता हैं जिससे कि रिटायर होने के बाद वर्दी को अपने घर ले जाते हैं।

क्यों होते हैं सिविल ड्रेस में रिटायर

बीते दिनों 28 फरवरी को सीआरपीएफ के डीजी डॉ ए पी माहेश्वरी सिविल ड्रेस में रेटितर हुए थे और उन्होंने नीले रंग का कोट पहन रखा हुआ था तो सबके मन में यही सवाल था कि उन्होंने अपनी वर्दी क्यों नहीं पहनी हुई थी। दरअसल जिस दिन वो रिटायर हुए थे वो रविवार था तो जब भी कोई अधिकारी रविवार के दिन रिटायर होता हैं तो उसे सिविल ड्रेस में ही रिटायर होना होता हैं क्योंकि इस दिन ड्रेस नहीं पहनी जाती।

वर्दी को घर ले जाने पर क्या होता है

government allows women to be combat officers in all central armed police forces
Security Forces

जब सहायक कमांडेंट से लेकर डीजी रैंक तक के कोई भी अधिकारी रिटायर होते हैं तो अक्सर या तो वो अपनी वर्दी साथ में घर ले जाते हैं या फिर वो अपनी वर्दी अपने जूनियर को दे देते हैं। अगर कोई अधिकारी अपनी वर्दी को घर ले जाते हैं तो रिटायर होने के बाद कोई भी अपनी वर्दी को दुबारा नहीं पहन सकता और उनकी ये वर्दी सिर्फ उनके घर में टंगी रहती हैं। उनकी इस टंगी हुई वर्दी को देखकर उस अधिकारी के बच्चे उसे देखकर प्रेरणा लेते हैं और गर्व महसूस करते हैं।