आज अनंत चतुर्दशी पर कच्चे धागे से करे उपाय, दरिद्रता का होगा नाश
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुदर्शी तिथि को अनंत चतुदर्शी का व्रत किया जाता हैं और इस वर्ष यह व्रत 12 सितंबर, गुरुवार यानि आज पड़ रहा हैं| इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है| इतना ही नहीं इस दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन भी किया जाता है| जो लोग श्री गणेश चतुर्थी से 10 दिनों के लिए भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं, वे अनंत चतुर्दशी को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणपती बप्पा को विदा करते हैं और फिर अगले साल आने की कामना करते हैं| ऐसे में आज हम आपको एक उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे अनंत चतुर्दर्शी के दिन करने से आपके घर से दरिद्रता का नाश होगा, इतना ही नहीं आपकी सात पुश्ते भी इस उपाय से राज करेंगी|
ऐसी मान्यता हैं कि अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं| इसलिए इस दिन सभी को व्रत करना चाहिए| चतुर्दशी का व्रत करने के लिए व्यक्ति को चतुर्दशी के दिन प्रातः काल में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए, उसके पश्चात ‘ममाखिलपापक्षयपूर्वकशुभफलवृद्धये श्रीमदनन्तप्रीतिकामनया अनन्तव्रतमहं करिष्ये’ मंत्र से व्रत का संकल्प करके एक चौकी स्थापित करे, अब इस चौकी पर भगवान विष्णु की साक्षात् मूर्ति अथवा कुश से बनाई हुई सात फन वाली शेष स्वरुप भगवान अनंत की मूर्ति स्थापित करें।
कच्चे धागे से करे जादुई उपाय
अब भगवान विष्णु के सामने 14 गांठ का अनंत दोरक रखें और फिर इस अनंत सूत्र सूत के धागे को हल्दी में भिगोकर 14 गांठ लगाकर तैयार कर ले, गांठ लगाने के पश्चात नवीन आम्र पल्लव एवं धूप, दीप, गंध, पुष्प, नैवेद्यादि से भगवान विष्णु की पूजन करें। पूजन में पंजीरी, केले, पंचामृत और मोदक आदि का भी प्रसाद भगवान विष्णु को चढ़ाएँ| अब इस मंत्र ‘अनंत संसार महासुमद्रे मंग्र समभ्यूध्दर वासुदेवाय | अनंतरुपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते’ का जाप करते हुये अपने कलाई में अनंत सूत्र सूत के धागे को बांध ले| अब आपने जो कलश पर रोली चढ़ाई हैं उसे अपने कलाई में लगा ले, आप माथे पर भी लगा सकते हैं| अब जो आपने गुड़ चढ़ाया हैं उसे गाय को खिला दे, खुद इस्तेमाल में ना लाए|
अब जो भी आपने प्रसाद चढ़ाया हैं उसे सभी में वितरित कर दे| एक बात का ध्यान दे, महिलाएं इसे अपने बाएँ हाथ में और पुरुष अपने दाहिने हाथ में बांधे| इस धागे को आप 14 दिनों तक अपने हाथ में बांधे और फिर 14 दिन बाद इसे माता लक्ष्मी के सामने उतार करके किसी मिट्टी में दबा दे या फिर बहते जल में प्रवाहित कर दे| इस धागे को आप अपने तिजोरी में भी रख सकते हैं| ऐसा कहा जाता हैं कि यदि इस व्रत को 14 सालों तक किया जाये तो व्यक्ति विष्णुलोक को प्राप्त करता हैं| इस उपाय से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर होती हैं, साथ में आपके घर की दरिद्रता का नाश होता हैं|
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