साल के इस दिन भूल से भी ना देखे चंद्रमा वरना लग सकता है ये दोष
जैसा की आप सभी जानते हैं की 13 सितम्बर को गणेश चतुर्थी हैं| भगवान गणेश के जन्म दिवस को गणेश चतुर्थी कहाँ जाता हैं| गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि और विघ्न विनाशक के रूप में गणेश जी की पुजा की जाती हैं| इन्हें बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पुजा जाता हैं| ऐसी मान्यता हैं की भाद्रप्रद माह के शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था|
गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिन के बाद अनंत चतुर्थी के दिन समाप्त होता हैं| इस दिन श्रद्धालु गणेश जी का जलूस निकालते हैं और नदी और सरोवर में उनके मूर्ति का विसर्जन करते हैं| ऐसी मान्यता हैं की इस दिन चन्द्र दर्शन करना वर्जित होता हैं| यदि इस दिन चन्द्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता हैं| जिसकी वजह से भक्त लोग को चोरी का कलंक सहना पड़ता हैं|
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गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन ना करने के पीछे की पौराणिक कथा क्या हैं| दरअसल एक दिन गणेश जी चूहे की सवारी करते हुये गिर पड़े जिसको देख चंद्र हंसने लगे| उनको हँसते देख गणेश जी को बहुत गुस्सा आया और उन्होने चंद्र को श्राप दे दिया की तुम्हें कोई देखना पसंद नहीं करेगा और जो भी देखेगा वो कलंकित हो जाएगा|
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त
मध्याह्न गणेश पूजा का समय = 11:03 से 13:30
अवधि = 2 घण्टे 27 मिनट
चन्द्रमा को नहीं देखने का समय = 16:07 से 20:33मिनट
अवधि = ४ घण्टे २६ मिनट्स
चन्द्रमा को नहीं देखने का समय = 9:31 से 21:12
अवधि = 11 घण्टे 40 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ = 12 सितम्बर 2018 को
16:07 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त = 13 सितम्बर 2018 को 14:51 मिनट
मिथ्या दोष से बचाव
यदि आपने भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा का दर्शन कर लिया है तो मिथ्या दोष से बचाने के लिये सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥ मन्त्र का जाप करे| इससे आपको मिथ्या दोष से मुक्ति मिल जाएगी|