अद्भुत दिव्य संयोग में आ रही है मैया रानी, चैत्र नवरात्र में जरूर रखें ये 4 सावधानियाँ
हमारे देश में अनेको धार्मिक पर्व मनाये जाते है साल में नवरात्रि दो बार मनाई जाती है पहला चैत्र और दूसरा शारदीय नवरात्र इस दौरान कुछ लोग पूरे नौ दिन केवल फलाहार करते हैं वहीं कुछ लोग केवल पहले और आठवें दिन व्रत रखते हैं| कई लोग इस दौरान शराब और मांसाहार से भी दूरी बना लेते हैं पूजा-पाठ से मन को शांति मिलती ही है, सेहत के लिहाज से भी चैत्र नवरात्र के दौरान व्रत करने के कई लाभ मिलते हैं नवरात्र धार्मिक आस्था का ही नहीं, तन-मन को निर्मल बनाने का भी संकल्प पर्व है।
मां की भक्ति में डूबा भक्त जब नौ दिन तक उपवास रखता है, तो उसके शरीर से विषाक्त तत्व भी निकल जाते हैं। इस दौरान पूरे शरीर का डिटॉक्स भी हो जाता है। लेकिन इसका ध्यान रखना चाहिए की उपवास जहां एक सीमा तक शरीर को फिट रखता है, वहीं इससे कुछ परेशानियाँ भी हो सकती हैं।
नवरात्र में बनने वाले आहार हाई कैलरी युक्त होते हैं। जैसे तले हुए आलू, साबुदाना पापड़, खीर, साबुदाने की टिक्की, पकौड़े, वगैरह। हेल्थ के हिसाब से देखें, तो इस तरह का आहार शरीर को स्वस्थ नहीं रखता बल्कि शरीर में वसा की मात्रा को ज्यादा बढ़ाता है। आइये आज हम आपको कुछ सावधानियों के बारे में बताते है जो की आपको नवरात्रों में रखनी चाहिए।
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नवरात्र में इन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान
1. बहुत से लोगो को डीहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है डीहाइड्रेशन की आशंका को खत्म करने के लिए, विशेष रुप से मधुमेह से ग्रस्त लोग, जिनमें ब्लड शुगर के स्तर के बढे होने से शरीर में पानी की कमी का खतरा कहीं ज्यादा होता है, व्रत के दौरान पानी अथवा अन्य पेय पदार्थ जैसे नीबू पानी, नारियल पानी, दूध एवं मठ्ठे का प्रयोग अधिक मात्र में करना चाहिए।
2. पेय पदार्थें के सेवन करने से हमारे शरीर के विषैले तत्व आसानी से बाहर निकल जाते है जहां तक सम्भव हो शाम को लिये जाने वाले ठोस पदार्थ सूर्यास्त के पहले ही ग्रहण कर लिए जायें। भोजन में सैंधा नमक का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को नवरात्र में व्रत काफी सोच-विचार कर रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि खानपान व दिनचर्या में लापरवाही बरतने से ऐसे लोग कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
3. ध्यान रखे की मधुमेह के रोगियों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में, हर तीन या चार घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए खाने के मामले में लबा अंतराल नहीं रखना चाहिए और भूख से अधिक भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। मधुमेह के रोगियों को उपवास के दौरान दिन में कई बार रक्त में शुगर के स्तर की जांच करनी चाहिए। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेबल बमुश्किल नियंत्रण में रहता है, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। इंसुलिन लेने वाले मधुमेह रोगियों को व्रत नहीं रखना चाहिए। पूजा में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी करना या ज्यादा उपवास आपके लिए परेशानी खड़ा कर सकता है।