जानें, आखिर क्या है काले धागे से जुड़ी मान्यताएं, खुद पीएम मोदी भी कलाई पर बांधते हैं इसे
भारत के तत्कालीन पीएम नरेन्द्र मोदी जिनका जन्म 17 सितम्बर, 1950 में हुआ था. बताते चलें की इनका पूरा नाम श्री नरेन्द्र दामोरदास मोदी है। ये देश के 14वें प्रधानमंत्री हैं, ये वर्ष 2001 से 2014 तक गुजरात के चीफ मिनिस्टर रहे, ये बीजेपी ले सदस्य हैं। गुजराती परिवार में जन्में मोदी अपने पिता के काम में हाथ बँटाते थे और उसके बाद इन्होंने अपनी चाय की स्टाल शुरू की। 1971 में ये आरएसएस के फुल टाइम वर्कर बन गए। अपने पीएम पद पर इन्होंने नोटबंदी जैसा कड़ा नियम लागू किया और काले धन के खिलाफ एक पुख्ता कदम उठाया जिसकी कहीं सराहना हुई तो कहीं आलोचना।
पीएम मोदी के कलाई में बंधे काले धागे का राज
बहुत ही जल्द मोदी की जीवनी पर आधारित एक फिल्म रिलीज़ होने वाली है, इसमें मुख्य किरदार यानि मोदी की भूमिका अभिनेता विवेक ओबेरॉय निभाएंगे। फ़िल्म में विवेक को बिल्कुल मोदी की तरह दिखाए जाने की कोशिश है और फिल्म को लेकर विवाद भी खड़े हो गए हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म को कैसा रिस्पांस मिलता है।
अभी हाल ही में पीएम मोदी के भाषण के दौरान उनकी कलाई पर एक काले धागे को बंधा हुआ देखा गया जिसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर कुछ लोग या राजनेता प्रधानमंत्री के समर्थन में हैं तो कुछ उनके विरोध में भी हैं। लोग अक्सर धागे अपनी सुरक्षा या आत्मबल के लिए पहनते हैं।
हमारे देश में धागों को लेकर भी बहुत सी मान्यताएं हैं। धागे बहुत से रंगों में आते हैं और रंगों का हमारे जीवन पर खासा प्रभाव होता है। हर रंग के धागे की अपनी मान्यता है। इन्हीं में से एक है काला धागा जिसे लोग नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने के लिए पहनते हैं। ये धागा किसी भी प्रकार से पहना जा सकता है चाहे कलाई पर बांधे या गले में पहनें। हिन्दू मान्यता के अनुसार काला धागा भैरव से सम्बन्ध रखता है जो किसी भी प्रकार की बुरी नज़र से बचाता है। काला धागा जीवन से संकटों को दूर करने और आर्थिक लाभ में भी कारक हो सकता है बस इसे सही तरह से ग्रहण करना चाहिए।