इस खतरनाक वायरस ने दे दी है भारत में दस्तक, चपेट में आते ही 48 घंटे में कोमा में चला जाता है मरीज
वर्तमान समय में निपाह वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा हैं| इस वायरस का संक्रमण सीधे मरीज के संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए इस संक्रमण से बचने के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने संक्रमित मरीज के परिजनों को अस्पताल आने से मना कर दिया है। ताकि यह रोग अन्य मरीजों को ना फैले |
निपाह नामक वारयस से हुई मौतों के बाद फैली अफरातफरी के बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उन लोगों की सूची बनाई गई है जो की निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे। इससे बचने के लिए उन लोगों को दूसरे रूम मे कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के आस-पास के अस्पतालों से विशेष वार्ड स्थापित किया जाए और जिन मरीजों में वायरस के लक्षण हों तो उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजने का प्रबंध किया जाए|
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मरीज के रिश्तेदारों को दूर रहने को कहा गया
मरीजों को रिश्तेदारों से दूर रखा जा रहा हैं| मरीजों को विशेष वार्ड में रखा गया है जहां अस्पाताल के कर्मचारियों को भी बिना विशेष सावधानी बरते आने-जाने की मनाही है। संक्रमण से दम तोड़ने वाली नर्स की मां और उनके परिजनों को भी शव के पास जाने नहीं दिया गया। नर्स का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया।
लोग गांव छोड़कर जा रहे
इस संक्रमण से बचने के लिए लोग घर छोड़कर जा रहें हैं। स्वास्थ कर्मचारी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चमगादड़ों को पकड़कर मारने में जुटे हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे कम से दो सप्ताह तक उन इलाकों में अपने रिश्तेदारों के पास नहीं जाएं जहां संक्रमण फैला है। इस बीमारी को फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ संक्रमण को तेजी फैलाते हैं।
यह चमगादड़ पेड़ पर लगे फलों को खाकर संक्रमित कर देता है और जब पेड़ से गिरे इन संक्रमित फलों को मनुष्य खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है। अभी तक निपाह वायरस से संक्रमण का कोई इलाज नहीं है। इस वायरस के एक बार संक्रमण फैल जाने पर मरीज 24 से 48 घंटे तक में कोमा जा सकता है और मौत तक संभव है। 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह गांव के लोग पहली बार इस संक्रमण से पीड़ित हुए थे।
चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में निपाह वायरस के फैलने का सबसे अधिक खतरा है। चमगादड़ और सुअर से फैलता है संक्रमण फल और सब्जी खाने वाले चमगादड़ और सुअर के जरिये निपाह वायरस तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण जानवरों और इंसानों के बीच तेजी से फैलता है|
लक्षण
(1) तेज बुखार
(2) चक्कर आना
(3) धुंधला दिखना
(4) सांस में तकलीफ
(5) सिर में लगातार दर्द रहना
ऐसे बचें
(1) पेड़ से गिरे हुए फल न खाएं।
(2) संक्रमित रोगी, जानवरों के पास न जाएं|
(3) जिस जगह चमगादड़ अधिक रहते हों वहां खजूर खाने से परहेज करें|
(4) फल और सब्जी खरीदते हुये इस बात का ध्यान रखें की यदि उस फल या सब्जी पर जानवारों के खाए जाने के निशान हों तो ऐसी सब्जियां न खरीदें|
वायरस से बचाव के लक्षणों पर डॉक्टर ने कहा की “इस बात को सुनिश्चित करें कि जो आप खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित न हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें।” डाक्टरों ने बताया कि जब मनुष्यों में इसका संक्रमण होता है, तो इसमें एसिम्प्टोमैटिक इन्फेक्शन से लेकर तीव्र रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और घातक एन्सेफलाइटिस तक का क्लिनिकल प्रजेंटेशन सामने आता है।