अटल बिहारी वाजपेयी जी के अनमोल विचार जो आज भी युवाओं को करते हैं प्रेरित
महान कवी व नेता तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के तमाम सभी राजनेताओं से काफी अलग सोच रखते थे और अपनी इसी सोच और देश के प्रति पूरी तरह से समर्पित महान अटल बिहारी वाजपेयी जी के कुछ अपने ही विचार थे जिसकी वजह से ना सिर्फ उनके प्रशंसक बल्कि उनके विरोधी भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाते थे।
वाजपेयी जी ने ना सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि पाकिस्तान के साथ साथ पूरी दुनिया में भारत का लोहा मनवाया था। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी नेता ने संयुक्त राष्ट्र में अपना पूरा भाषण अपनी मातृ भाषा “हिन्दी” में दिया और ऐसा करने वाले श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी पहले व्यक्ति थे, सिर्फ इतना ही नही देश को एटॉमिक सुरक्षा देने में इनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। आज अटल बिहारी बाजपेयी जी की हालत काफी नाजुक बनी हुई है और वे एम्स में भर्ती हैं, चिकित्सकों ने उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है।
अटल जी ने कई मौके पर ऐसी बाते कही हैं,जो हमें पॉजिटिव एनर्जी देती रही हैं और आज हम आपको पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कुछ ऐसे ही अनमोल विचारों से अवगत करने जा रहे हैं।
टूटे हुए सपने की सुनें कौन सिसकी, अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी…!
हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा..!
काल के कपाल पर लिखता हूं मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं..!
अटल जी ने कहा था, गरीबी बहुआयामी है और यह हमारी कमाई के अलावा राजनीतिक भागीदारी, स्वास्थ्य और हमारी संस्कृति तथा सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है।
सूर्य एक सत्य है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। मगर ओस भी तो एक सच्चाई है, यह बात अलग है कि क्षणिक है।
आज भारत के महान नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी अपने जीवनकाल के अंतिम पड़ाव पर हैं मगर कोई भी नही चाहता की वो हमें और हम सभी देशवासियों को छोड़कर जाएँ, मगर मृत्यु भी एक अटल सत्य है जिसे हर किसी को स्वीकार करना ही पड़ता है। सच कहा जाए तो आज ऐसा लग रहा है जैसे कुछ छूटने वाला है जैसे कुछ टूटने वाला है।