जब मोदी कैबिनेट में वित्त मंत्री थे अरुण जेटली, तब उनके घर पर क्यों लिखा था No visitors allowed ?
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अब इस दुनिया में नहीं रहे, उन्होने अपनी आखिरी सांस 24 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में ली, वो 67 साल के थे| बता दें कि वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में 9 अगस्त से ही भर्ती थे, उनका हाल जानने के लिए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला जैसे कई दिग्गज नेता एम्स पहुंचे थे| बता दें कि वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, उन्हें किडनी संबंधी समस्याएँ थी| हालांकि बीच में उन्हें ट्यूमर संबंधी भी समस्याएँ भी सुनने में आयी थी| लेकिन आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी थी|
जब साल 2014 में मोदी कैबिनेट बनी थी तो उस समय अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था और उन्होने इस जिम्मेवारी को बड़ी ही लगन से निभाया| लेकिन उनके कार्यकाल के समय कई बार ऐसी भी परिस्थिति भी आयी जब उन्हें स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय से दूर होना पड़ा था| बता दें कि साल 2019 में एक बार फिर से मोदी कैबिनेट बनी थी तब अरुण जेटली ने पीएम मोदी से चिट्ठी लिखकर यह गुजारिश कि थी की उनका नाम किसी मंत्री के लिए विचार ना किया जाये|
पूर्व मंत्री अरुण जेटली की मीडिया से बहुत अच्छे से रिश्ते थे और उनके घर पर मीडिया वालों का आना-जाना लगा रहता था| बता दें कि जब भाजपा के सभी बड़े नेता 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार कर रहे थे| उस समय अरुण जेटली के बीमार होने की खबरे आयी और उस समय हमेशा उनके घर आने वालों के लिए उनके घर के दरवाजे बंद कर दिये गए थे|
इस बात का जिक्र एक मीडिया रिपोर्टर ने किया था, रिपोर्टर ने जिक्र किया कि अरुण जेटली के घर एक तख्ती लटकी हैं, जिस पर No visitors allowed लिखा हैं| ऐसे में इस बात की चर्चा होने लगी कि अरुण जेटली को एकांत में रखा गया हैं| हालांकि यह सच नहीं था क्योंकि अरुण जेटली को एकांत में नहीं बल्कि भीड़ से अलग रखा गया था, उन्हें हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता था| हालांकि वो इस हाल में काम करते थे| दरअसल अरुण जेटली के डॉक्टर्स मे उन्हें भीड़ और फोन कॉल्स से दूर रहने की सलाह दी थी|
‘मोदी 2.0’ कैबिनेट में अमित शाह को मिलेगा ये पद, बदलने वाली है अन्य मंंत्रियों की भूमिका