अक्षय तृतीया पर बन रहा है महासंयोग, इस बार हर कार्य होगा सफल
हमारे भारत मे शुभ मुहूर्त को लेकर अत्यधिक मान्यताए हैं| माना जाता हैं की कोई भी काम शुभ मुहूर्त देख कर करना चाहिए जिससे की उस काम मे कोई बाधा ना आए और वो काम अच्छे से सम्पन्न हो जाए|
ऐसा ही कुछ मान्यता अक्षयतृतीया को लेकर भी है| शुभ मुहूर्त के रूप में विख्यात अक्षय तृतीया या आखा तीज पर इस बार 24 घंटे का सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हैं। इस महासंयोग या दिव्य योग मे मांगलिक कार्य करना , दान-पुण्य तथा खरीदारी करना लाभप्रद रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों का इस संबंध में कहना है कि इस बार 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया बुधवार के दिन कृतिका नक्षत्र में आयुष्मान योग तथा तैतिल करण की साक्षी में आ रही है। ज्योतिशाचार्यों के मुताबिक यदि इस नक्षत्र की गणना से देखें तो यह दिन हर प्रकार की सिद्धि देने वाला रहेगा। और साथ ही ऐसे भी संयोग बन रहें है कि इस दिन 24 घंटे सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। ऐसे में इस योग ने इस दिन की शुभता को और अधिक बढ़ा दिया है। माना जाता है कि ऐसे योगों में विवाह, गृह प्रवेश जैसे इत्यादि किए गए मांगलिक कार्य श्रेष्ठकर रहते हैं।
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ऐसे मिलेगा अक्षय पुण्य का लाभ…
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि वैशाख मास दान की दृष्टि से विशेष माना गया है। इस पवित्र मास में पूरे महीने अन्न्-जल का दान करना चाहिए। इसके अलावा तृतीया पर घट दान की परंपरा भी है। मान्यता है कि इस दिन घर में जल से परिपूर्ण दो कलश में पंचामृत, पंचरत्न और औषधि मिलाकार एक कलश में जौ डालें। इस कलश को भगवान विष्णु को अर्पित कर ब्राह्मण या शिव मंदिर में दान करें। जबकि दूसरे कलश में काले तिल डालकर पितरों के निमित्त ब्राह्मणों को दान करने से देव व पितृ कृपा प्राप्त होती है|
इन वस्तुओ के द्वारा आपको स्थाई समृद्धि मिलेगी…
अक्षय तृतीया पर स्वर्ण आभूषण खरीदने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा चांदी, तांबे आदि धातुओं की मूर्ति, पात्र आदि की खरीदारी के साथ भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, वस्त्र आदि की खरीदी स्थाई समृद्धि का कारक मानी जाती है।
शिव और विष्णु की आराधना…
भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना के लिए वैशाख मास सर्वोत्तम माना गया है। इसके दौरान शिव मंदिरों में गलंतिका बांधने से भगवान शिव और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। वहीं श्रीकृष्ण और विष्णु मंदिरों में चंदन अर्पित करने से भगवान श्री हरि विष्णु और महालक्ष्मी की कृपा होती है।
ऐसे कर सकते हैं आप भगवान को प्रसन्न…
व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें। घर की सफाई व नित्य कर्म से निवृत्त होकर पवित्र या शुद्ध जल से स्नान करें। घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
इस मंत्र से संकल्प करें…
ममाखिलपापक्षयपूर्वक सकल शुभ फल प्राप्तये
भगवत्प्रीतिकामनया देवत्रयपूजनमहं करिष्ये।
संकल्प करके भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। षोडशोपचार विधि से भगवान विष्णु का पूजन करें। भगवान विष्णु को सुगंधित पुष्पमाला पहनाएं। नैवेद्य में जौ या गेहूं का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पण करें अगर हो सके तो विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। अंत में तुलसी जल चढ़ा कर भक्तिपूर्वक आरती करनी चाहिए।
इस साल अप्रैल का महिना बड़ा शुभ मुहूर्त लेकर आया हैं| 18 अप्रैल को परशुराम जन्मोत्सव है, इसी दिन को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। शास्त्रों इके अनुसार माना जाता हैं की सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ इसी दिन से प्रारम्भ हुआ है।