अगहन मास के दौरान तुलसी की जड़ की मिट्टी को शरीर पर लगाकर करें नदी में स्नान, श्रीकृष्ण बरसाएंगे अपनी कृपा
हिन्दू पंचाग के मुताबिक साल का नौवन महिना अगहन जा होता हैं और इसे मार्गशीर्ष भी कहते हैं| इस साल अघन मास की शुरुआत 24 नवंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक रहेगा| स्कंदपुराण के मुताबिक भगवान की कृपा पाने के लिए भक्तो को अगहन मास का व्रत करना चाहिए| यदि इस माह में व्रत-उपवासअगहन मास किया जाए तो भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पायी का सकती हैं|
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अगहन माह से जुड़ी कुछ खास बातें
नदी स्नान से मिलती हैं श्री कृष्ण की कृपा
इस महीने में नदी स्नान करने की बड़ी महिमा कहीं गयी हैं। शास्त्रो के मुताबिक जब गोकुल में असंख्य गोपियों ने श्री कृष्ण को प्राप्त करने के लिए ध्या लगाया था तब श्री कृष्ण ने उन्हें अगहन माह में स्नान करने की सलाह दी थी|
नदी स्नान कैसे करे
अगहन माह में नदी स्नान करने के लिए आप तुलसी की जड़ की मिट्टी को अपने शरीर पर लगा ले और फिर स्नान करे| स्नान करते समय ॐ नमोः नारायणाय या गायत्री मंत्र का जाप करे|
ये महिना इसलिए भी खास हैं
यदि अगहन माह में कोई भी भक्त कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करे तो उसे जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं| स्नान करने के बाद आप अपने इष्टदेव का ध्यान करे, फिर विधि-विधान पूर्वक गायत्री मंत्र का जाप करें| इस माह में यदि स्त्रियाँ स्नान करती हैं तो उन्हें उनके पति की लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य का फल मिलता हैं| आप इस महीने में भगवान गणेश की भी पुजा कर सकते हैं| दरअसल किसी भी शुभ काम करने से पहले गणेश भगवान की पुजा की जाती हैं|