12 साल बाद आई है मलमास में ऐसी चमत्कारी एकादशी, कौड़ी का ये छोटा सा उपाय दिलाएगा बेसुमार धन और वैकुंड वास
25 मई को पद्मिनी एकादशी हैं और आपको मालूम ही हैं की 15 मई यानि मंगलवार से ही मलमास का महीना शुरु हो गया हैं इसलिए इसे पुरुषोत्तम माह भी कहते हैं| इस माह में आने वाली एकादशी को पुरुषोत्तम एकादशी मानी जाती हैं| इस माह में आप जो भी दान करेंगे उसका लाभ आपको कई गुना मिलेगा|
इसके साथ ही साथ इस माह में दो पुर्णिमा और दो अमावस्या का शुभ संयोग करीब तीन से चार साल बाद आया हैं| जो एकादशी, अधिकमास के शुक्ल पक्ष में पड़ती है उसे पद्मिनी एकादशी कहते हैं| इस दिन जरूरतमंदों को तिल, वस्त्र, धन एवं अपनी श्रद्धा के अनुसार फल एवं मिठाई दान करें। जो लोग व्रत नहीं भी करते हैं वो भी इन चीजों का दान करें तो उन पर भी ईश्वर की विशेष कृपा बनी रहती है।
मलमास के महीने को पुरुषोत्तम मास भी कहते है| यह महीना भगवान विष्णु जी को समर्पित है| इस महीने में भगवान विष्णु जी की विधि-पूर्वक पूजा करने से ना केवल आपकी मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि जाने-अनजाने में किए गए पाप भी नष्ट हो जाते हैं| इसी महीने में पद्मिनी एकादशी का आना इसे और भी शुभ बना देता है| पद्मिनी एकादशी आमतौर पर 3 साल में एक बार आती है इसलिए इसका खास महत्व है|
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इस साल पद्मिनी एकादशी पर खास संयोग बन रहा है| इसलिए इस बार यदि आप पद्मिनी एकादशी का व्रत करते हैं तो आपको अपार लाभ की प्राप्ति होगी| धन और स्वास्थ्य का लाभ मिलेगा इसके साथ ही आपके शत्रुओं का नाश होगा| मान्यता हैं की भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था| ऐसे में जिन्हें कोई संतान नहीं है| वे लोग यदि इस पद्मिनी एकादशी का व्रत रखें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होगी|
हमारे धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि पद्मिनी एकादशी के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था की मलमास में अनेक पुण्यों को देने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है| इसका व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्य जाती के लिए दुर्लभ है| अधिकमास में कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है वह परमा, पुरुषोत्तमी या कमला एकादशी कहीं जाती है।
वैसे तो प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां आती हैं। परंतु जब अधिकमास या मलमास आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अधिकमास या मलमास को जोड़कर वर्ष में 26 एकादशियां होती हैं। अधिकमास में 2 एकादशियां होती हैं, जो पद्मिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) और परमा एकादशी (कृष्ण पक्ष) के नाम से जानी जाती है।
इस दिन आप श्रीशहस्त्र विष्णु नाम का पाठ करें| यदि आप माता लक्ष्मी को मनाना चाहते हैं तो माता लक्ष्मी के सामने 11 कौड़िया रखकर श्रीसूक्त का पाठ करें फिर उन कौड़ियों को किसी भी रेशमी पीले, लाल या गुलाबी कपड़े में बांध करके अपने तिजोरी, गल्ले या कहीं भी आप रख सकते हैं| माना जाता हैं की ऐसा करने पर माता लक्ष्मी आपके घर दौड़ी-दौड़ी चली आती हैं| जिस किसी पर भी शनि का कुप्रभाव हैं उन्हे सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए| इस दिन अन्न का सेवन ना करे बल्कि फलाहार रहे| इस दिन आप भगवान कृष्ण को बांसुरी दान करें|