पहली बार सौ साल बाद अमरनाथ की गुफा में दिखा ये अदभुत नजारा, शिवलिंग पर था कुछ ऐसा जिसे देखकर उड़ गए होश
हर वो शख्स जो हिन्दू धर्म में विश्वास रखता हैं वो अपने जीवन में एक बार अमरनाथ की यात्रा जरूर करना चाहता है| अमरनाथ कि यात्रा को लेकर एक ऐसी मान्यता है की इस यात्रा को करने से बहुत सारे पुण्य मिलते हैं और भगवान शिव जी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है| हर साल अमरनाथ के द्वार हिन्दू धर्म को मानने वालो के लिए खोल दिए जाते हैं| अमरनाथ यात्रा सरल नहीं होती हैं बल्कि यह यात्रा काफी मुश्किलों से भरी होती है|
इसलिए इस यात्रा पर जाने वाले हर एक श्रद्धालु की सुरक्षा का इंतजाम सरकार द्वारा किया जाता है| अमरनाथ के गुफाओं को श्रद्धालुओं के लिए इस साल भी खोल दिये गए हैं लेकिन इस साल अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के दर्शन के लिए गए श्रद्धालुओं को कुछ ऐसा चमत्कार दिखा जिसे देखकर सभी आश्चर्य चकित रह गये| हम आपको आज उसी चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं| आइए जानते हैं…….
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अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 28 जून से हो चुकी है| यहाँ आये दिन मौसम कुछ खराब रहता हैं| इसलिए यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन इसके वाबजूद भी श्रद्धालुओं का एक जत्था अमरनाथ दर्शन के लिए पहुँच चूका है| हम आपको बता दें की जब श्रद्धालुओं का पहला जत्था दर्शन के लिए गुफा के अन्दर गया और भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करनी शुरू की तो वहां का अदभुत नजारा देख सभी श्रद्धालु आश्चर्य चकित रह गए|
यहाँ के पंडितों और अन्य श्रद्धालुओं की माने तो ऐसा नजारा उन्हें पहले कभी नहीं दिखा था और इससे पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ की किसी ने गुफा के अन्दर शिवलिंग पर कुछ भी देखा हो लेकिन गुफा के शिवलिंग पर कबूतरों को देख सबके होश उड़ गए| अब श्रद्धालुओं के बीच चर्चा होने लगी कि आखिर गुफा के अंदर कबूतर आये कैसे? खबरों कि माने तो अमरनाथ की गुफ़ा में किसी भी पक्षी का इस तरह से प्रवेश कई सालों के बाद हुआ था जिसे देखना सबके लिए काफी आश्चर्य करने वाला था|
अमरनाथ कि यात्रा पर जाना और गुफा के अंदर जाकर बर्फ से बने शिवलिंग की हर साल पूजा-अर्चना करना काफी कठिन होता है| जिन लोगों को अमरनाथ गुफा के खासियत के बारे में नहीं मालूम उन्हें हम बता दें की इस गुफा में हर साल बर्फ से बना हुआ शिवलिंग अपने आप प्रकट होता है और श्रद्धालु इसी शिवलिंग की पूजा-अर्चना और दर्शन पाने के लिए हर साल हजारों लाखो किलोमीटर की दूरी तय कर यहाँ आते हैं| यहाँ का मौसम हमेशा खराब रहता हैं लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं| श्रद्धालु लाखो कि तादाद में यहाँ आते हैं|