निर्जला एकादशी के दिन एक साथ करें ये छोटा सा काम, 24 एकादशी के बराबर मिलेगा फल
हिन्दू धर्म मानने वाले लोगों को इस एकादशी का खास इंतजार रहता है| ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला या भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से 24 एकादशियों के व्रत के समान फल मिलता है| इस एकादशी का व्रत करके आप साल भर का पुण्य एक साथ पा सकते हैं|
इस साल यह व्रत 23 जून को है। एकादशी व्रत का आरम्भ सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक चलता है। ब्रम्हमुहूर्त में श्री विष्णुसहस्त्रनाम से व्रत का आरम्भ कीजिये और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय महामंत्र, का जाप करे| निर्जला एकादशी थोड़ा कठिन होता हैं क्योंकि इस व्रत में एक दिन तक पानी नहीं पीना रहता हैं|
मान्यता हैं की निर्जला एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का नाश होता है। इस व्रत का आरम्भ सूर्योदय से ही शुरू होता हैं| इस एकादशी का फल पाने के लिए, जहां तक हो सके निर्जला व्रत ही रहें परंतु अपने स्वास्थय का ध्यान रखते हुये| यदि आप निर्जला व्रत नहीं रख पा रहें हैं तो आप फलाहार व्रत रख सकते हैं।
उपवास का मतलब ही होता हैं भगवान के साथ वास। इन्द्रियों को नियंत्रित करते हुए भगवान विष्णु के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव रखते हुए हरि कीर्तन, हरि स्मरण इत्यादि करें| कहते हैं ना की यदि आपका मन शुद्ध नहीं है तो पूजा-पाठ इत्यादि सब बेकार है। इसलिए पहले मन को शुद्ध रखें| आइये हम आपको बताते हैं की इस निर्जला एकादशी व्रत में क्या करना चाहिए और क्या नहीं……
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निर्जला एकादशी में क्या करना चाहिए….
(1) भगवान विष्णु जी की पूजा करें।
(2) भगवान विष्णु के अलावा श्री कृष्ण की भी पुजा करें।
(3) माता-पिता और गुरु के चरण को स्पर्श करना चाहिए|
(4) किसी भी स्थिति में पाप कर्म से बचना चाहिए|
(5) श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें।
(6) श्री रामरक्ष स्रोत का पाठ करें।
(7) श्री रामचरितमानस के अरण्यकाण्ड का भी पाठ करें।
(8) आप धार्मिक पुस्तकों का भी का दान सकते हैं|
(9) ज्येष्ठ का महीना गर्मी का होता है इसलिए प्याऊ की व्यवस्था जरूर करें|
(10) पक्षियों के लिए अपने घर की छत पर पानी से भरा पात्र जरूर रखें।
निर्जला एकादशी व्रत में क्या नहीं करना चाहिए…
(1) इस दिन खास करके अन्न का ग्रहण किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहिए|
(2) किसी की निन्दा ना करें।
(3) अपने माता-पिता और गुरु का अपमान ना करें क्योंकि इन्हें भगवान की संज्ञा दी जाती हैं|
(4) अपने घर में चावल ना पकाएं।
(5) साफ-सफाई का ध्यान रखें, गन्दगी से दूर रहें|
(6) व्रत के दिन ना सोये|
यदि छात्र अपने शिक्षा में सफलता पाना चाहते हैं तो भगवान् विष्णु की पूजा के साथ-साथ देव गुरु बृहस्पति के बीज मन्त्र का भी जाप जरूर करें। इससे छत्रों को लाभ मिलेगा| व्यवसाय में सफलता पाने के लिए श्री सूक्त का पाठ जरूर करें। वृश्चिक,धनु और मकर राशि वाले लोग शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित हैं वो श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। कन्या राशि पर शनि की ढैया का जबरजस्त प्रभाव है वे लोग रोगों से मुक्ति के लिए श्री हनुमान बाहुक का पाठ करें। यदि आप एकादशी व्रत के सारे नियमो का पालन करते हैं तो आपको इसका फल जरूर मिलेगा और भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी|