मार्केट में आया 20 रुपए का नया नोट, जानें क्या है इसकी खासियत
मोदी सरकार 2.0 ने सत्ता में आते ही देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर बहुत सारे अहम कदम उठाएं हैं। राजनितिक गलियारों में इन दिनों मोदी सरकार 2.0 ही छाया हुई हैं। देश के हर तबके के विकास के लिए मोदी सरकार काम कर रही है। दरअसल सत्ता में आते ही मोदी सरकार अपने कार्य के प्रति काफी सजग दिखी और साथ ही बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण के भाषण से यह जाहिर हो गया था कि इस बार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार तत्पर है। अब मोदी सरकार बाजार में 20 रुपए का नया नोट लेकर आने की वजह से सुर्ख़ियों में छायी हुई है और यह नया नोट पुराने 20 रुपए के नोट से काफी अलग है।
बता दें कि मोदी सरकार ने इससे पहले भी नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद कई नए नोट उतारे हैं। अब तक 10, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपए के नए नोट बाजार में आए थे और अब इसी श्रंखला में 20 रुपए का नया नोट भी बाजार में बहुत जल्द दिखाई देगा। इस नए नोट को लेकर लोग बहुत कुछ जानने के इच्छुक है जैसे की इसमें क्या अलग है और इस नए नोट के आ जाने से क्या पुराना 20 रुपए का नोट चलेगा या नहीं, तो इन सभी सवालों का आपको हम जवाब देते है और इस नए नोट की खासियत बताते हैं। 20 रुपए के पुराने नोट की तुलना में नया नोट आकार और रंग में भी बदलाव किये गए हैं।
20 रुपए के नया नोट की खासियत
बता दें कि कानपुर स्थित रिजर्व बैंक के रिजलन ऑफिस में नए नोटों की पहली खेप पहुंच चुकी है और आप बहुत जल्द इस नए नोट को बाजार में देखेंगे। नए नोट का रंग पुराने नोट से बहुत अलग है और यह नया 20 रुपए का नोट हल्का पीला और हरा रंग का है। इस नोट का आकार भी पुराने नोट के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी छोटा है। 20 रुपए के नए नोट पर विश्व धरोहर एलोरा की गुफा की तस्वीर बनी हुई है। इस नोट के संबंध में रिजर्व बैंक ने यह साफ कर दिया है कि नए नोटों के आने से पुराने नोट बाजार में चलना बंद नहीं होंगे और पहले की तरह चलते रहेंगे। इस 20 रुपए के नोट पर नए गवर्नर शक्तिकांत दास के हस्ताक्षर हैं।
महात्मा गांधी की नई सीरीज के तहत जारी होने वाले इस नोट पर एलोरा की गुफा की तस्वीर बनी हुई है जो कि महाराष्ट्र के औरगांबाद में स्थित है। एलोरा की गुफाएं यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल हैं। इन गुफाओं को राष्ट्रकूट वंश के शासकों ने बनवाया था। महाराष्ट्र के औरगांबाद में कुल 34 गुफाएं हैं, जिनकी लंबाई करीब 30 किलोमीटर है। 1000 ईसवी पूर्व में इन गुफाओं को बनाया गया था। इन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिर बने हुए हैं और यहां 12 बौद्ध गुफाएं, 17 हिंदू गुफाएं और 5 जैन गुफाएं हैं। इन्हीं गुफाओं में महाराष्ट्र का प्रमुख कैलाश मंदिर भी बना हुआ है।