21 साल बाद रविवार के दिन एक साथ 3 महासंयोग में मनेगी महाएकादशी, घर-घर होगी धन की वर्षा
हिन्दूशास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत या उपवास रखने से भगवान विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं| इस माह में 3 से 13 दिन तक महासंयोग बन रहे हैं| एकादशी 1 महीने में 2 बार आती है, एक कृष्ण और दूसरी शुक्ल पक्ष में| हम आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार हर 11वीं तिथि को एकादशी व्रत का नियम है। हमारे शास्त्रों में एकादशी के व्रत करने का बहुत महत्व होता है|
हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से ही कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करके अगले दिन (द्वादशी) प्रात:काल सूर्योदय के पश्चात ही एकादशी व्रत को खोलकर खाना खाना चाहिए| इस महीने में दान-पुण्य करने से लाभ प्राप्त होता हैं| इस व्रत को रखकर सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है| हम आपको बता दें कि 10 जून रविवार को 21 साल बाद एक ऐसा महासंयोग बना है जिसमें एक साथ 3 महासंयोग बनेंगे| आपको मालूम ही होगा की मलमास में दो एकादशी पड़ती है|
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शास्त्रों में मलमास की एकादशी को सभी एकादशियों में विशेष बताया गया है| इस महीने में किया गया पुजा-पाठ या दान-पुण्य अत्यंत लाभदायी होते हैं| अधिकमास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी पड़ती है वह पद्मा यानी पुरुषोत्तम कमला एकादशी कहलाती है| इस महीने में पद्मा एकादशी ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी 10 जून 2018 रविवार को है| हर वर्ष 24 एकादशियां होती हैं और जब मलमास आता है, तब इनकी संख्या 24 से बढ़कर 26 हो जाती है| 12 जून मंगलवार को सर्वार्थसिद्धि और 13 जून बुधवार को अमावस्या के दिन भी सर्वार्थसिद्धि के योग बन रहा हैं|
यदि आप अपनी कोई मनोकामना पूरी करना चाहते थे या फिर कोई उपाय करना चाहते थे तो यह समय उत्तम हैं| 3 साल बाद ऐसी एकादशी आयी हैं| इस दिन भगवान विष्णु की पुजा करनी चाहिए | आप निर्जला व्रत करे या फिर आप फलाहार व्रत करें| ब्रहमुहूर्त मे उठे और पुजा-अर्चना करें| भगवान विष्णु को पीला फूल चढ़ाएँ| इस एकादशी पर माता लक्ष्मी को गुलाब का फूल अर्पित करे| पुजा आरंभ करते वक्त सर्वप्रथम गणपती भगवान की आरती करनी चाहिए| इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पुजा करे तथा इनको पीली मिठाई चढ़ाएँ|
भगवान को फूल चढ़ाते वक्त उसको पानी ने से ना धोएँ क्योंकि ऐसा करने से इसकी प्राकृतिक खुशबू चली जाती हैं| जिन पर शनि की कुदृष्टि हैं वो सुंदरकांड का पाठ और भगवान हनुमान जी की पुजा करें| आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करे| जरूरतमंद को नहाने के बाद दान करें| इस दिन दाढ़ी-बाल ना काटें| द्वादशी के दिन पारण करें| इस दिन मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन ना करें| इस दिन किसी के साथ बुरा व्यवहार ना करें|