कल नागपंचमी पर कर लें यह काम, चमकेगी किस्मत, कष्टकारी जीवन बनेगा खुशहाल
Youthtrend Religion Desk : सावन महीने के शुक्लपक्ष की पांचवी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व शनिवार, 25 जुलाई को है। इस दिन नाग देवता के पूजन की परंपरा है। भविष्य पुराण सहित अन्य पुराणों में भी इसका महत्व बताया गया है। नाग पंचमी से जुड़ी एक कथा के अनुसार माना जाता है कि इस दिन स्त्रियां सर्प को भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं और भाई से अपने कुटुंबजनों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं। आज हम आपको नाग पंचमी के दिन कौन से साधारण कार्य करके शुभ फल की प्राप्ति कर सकते हैं, इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगर आप यह कुछ उपाय अपनाते हैं तो इससे आपका भाग्य चमकेगा और जीवन के कष्ट दूर होंगे।
नागदेव की कृपा पाने के लिए ऐसे करें पूजा
अगर आप नाग पंचमी के दिन नाग देव की पूजा कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप इस दिन सुबह के समय जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करने के पश्चात सभी नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद स्नान कीजिए, स्नान करने के बाद आपको साफ-सुथरे कपड़े धारण करने होंगे।
नाग देवता की पूजा के लिए आपको सेंवई-चावल आदि प्रकार के ताजा भोग बनाने होंगे।
आप दीवार पर गेरू पोतकर पूजन स्थल बनाए, इसके पश्चात आपको कच्चे दूध में कोयला घिसकर उस गेरू की पुती दीवार पर नाग जैसी आकृति बनानी होगी, आप उस दीवार पर अनेक नाग देवों की आकृति बनाएं।
आप नाग पंचमी के दिन पहले नागो के निवास स्थान पर एक दूध से भरा कटोरा रखें, इसके बाद आपको दीवार पर बनाए गए नाग देवता को दही, गंध, अक्षत, फूल, जल, कच्चा दूध, रोली, चावल आदि से पूजा करनी होगी, इसके बाद आपको सेवई और मिठाई का भोग लगाएं।
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नाग पंचमी के दिन करें यह काम
नाग पंचमी के दिन आप नाग देवता के दर्शन अवश्य कीजिए, क्योंकि इस दिन नागदेव के दर्शन करना शुभ माना जाता है।
आप नाग पंचमी के दिन नागदेव के निवास स्थान यानी बांबी की पूजा अवश्य करें।
अगर आप नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाते हैं या फिर उन पर दूध अर्पित करते हैं तो इससे आपको अपने जीवन के बहुत से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
अगर आप नाग पंचमी के दिन पूजा कर रहे हैं तो आप नागदेव की सुगंधित फूल और चंदन से पूजा कीजिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध अति प्रिय है।
अगर किसी व्यक्ति के ऊपर कालसर्प दोष है और इसकी वजह से आपके जीवन में परेशानियां उत्पन्न हो रही है तो आप नाग देवता की पूजा करते समय मंत्र “ओम कुरूकुल्ये हुं फट् स्वाहा” का जाप करें, इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।
सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है, उपरोक्त कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ,है अगर आप इस विधि से नाग पंचमी के दिन नाग देव की पूजा करते हैं और कुछ जरूरी कार्य करते हैं तो इससे आपको नाग देवता की कृपा प्राप्त होगी और जीवन के बहुत से कष्टों से मुक्ति मिलेगी, आप नाग पंचमी के दिन देवों के देव महादेव के साथ-साथ नागदेव की भी पूजा कीजिए, इससे आपको श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होगी।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त:
नाग पंचमी 25 जुलाई, शनिवार
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त- सुबह 05:39 से 08:22 तक
अवधि- 02 घण्टे 44 मिनट्स
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ- जुलाई 24, 2020 को 02:34 PM
पञ्चमी तिथि समाप्त- जुलाई 25, 2020 को 12:02 PM
नाग पंचमी की पूजा के मंत्र:
– “ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा”
– सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।
– ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
नाग पंचमी पूजा सामग्री: नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति, लकड़ी की चौकी, जल, पुष्प, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, चीनी का पंचामृत, लड्डू और मालपुए, सूत्र, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप-दीप, ऋतु फल, पान का पत्ता दूध, कुशा, गंध, धान, लावा, गाय का गोबर, घी, खीर और फल आदि।