Viral

एक शादी जो बन गई मिसाल, पीछे नहीं दूल्हे के साथ-साथ चलकर दुल्हन ने लिए 7 फेरे

Youthtrend Naari Desk : अकेलापन जो कई निगेटिव बातें दिमाग में लाता है वो कई मामलों में नुकसानदेह हो सकता है। खास तौर पर ऐसे समय में जब आधी से ज्यादी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से घर के अंदर है तब निगेटिव सोच से लड़ने के लिए क्यों न कुछ पॉजिटिव पढ़ा जाए। ऐसे में शादी-ब्याह से जुड़ी एक ऐसी पॉजिटिव कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो यक़ीनन आपके दिल को खुश कर देगी।

शादी से जुड़े रीति-रिवाज भारतीय मान्यताओं के अनुसार बहुत जरूरी होते हैं। ये रीति-रिवाज इंसानों के लिए बनाए गए हैं लेकिन ये भी समझने वाली बात है कि इन्हें इंसानों ने ही बनाया है। नए जमाने में अब नए रीति-रिवाज में चल रहे हैं। शादी को लेकर अब पुरानी बंदिशें तोड़ी जा रही हैं। कहीं पर तो लड़कियों का कन्यादान नहीं किया जा रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि कन्या का दान करने की जरूरत नहीं तो कहीं पर शादी में किताबें दान दी जा रही हैं। याग्निक और कमला की शादी भी कुछ ऐसी ही है जहां रीति-रिवाज़ों को बराबरी के स्तर पर आंका गया है। उन्होंने अपनी शादी से नया बेंचमार्क स्थापित किया है।

फेरों के लिए एक साथ चले

हमेशा फेरों के वक्त लड़की को पीछे और लड़के को आगे रहना होता है। लेकिन इस शादी में कुछ अलग हुआ। यहां पवित्र अग्नि के आस-पास फेरे साथ में लिए गए। फेरे जो शादी के वचन के बारे में बताते हैं वो साथ में ही लिए गए। इस जोड़े ने एक साथ अग्नि के आस-पास फेरे लगाए और पुजारी के मंत्रों के बीच अपने वचन लिए। यहां दूल्हे ने पहल नहीं की बल्कि दुल्हन और दूल्हे ने साथ में 7 जन्मों का बंधन बांधा। ये सब शुरू हुआ जब कमला और याग्निक ने सोचा कि वो रस्मों को समझेंगे। दूल्हा और दुल्हन दोनों ही ये नहीं चाहते थे कि वो सिर्फ शादी के रीति-रिवाज निभाएं, मंत्र सुनें, लेकिन इन्हें समझें नहीं। क्योंकि ये तेलुगु और पंजाबी शादी थी तो ये जोड़ा ये भी चाहता था कि दोनों ही संस्कृतियों के सबसे अच्छे रिवाज मिलाकर ये शादी की जाए। ताकि दोनों ही परिवार इसकी अहमियत समझ पाएं।

Holi Party: अंबानी के घर होली पार्टी में पति के संग पहुंची प्रियंका, शामिल हुए ये बॉलीवुड सेलेब्स

पंजाबी ट्रेडिशन के हिसाब से चार फेरे होते हैं जहां दूल्हा आगे रहता है, लेकिन ऐसा करने की जगह इस जोड़े ने एक साथ अग्नि के फेरे लगाने की सोची। एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बराबरी की हिस्सेदारी रखते हुए, जिंदगी के हर सुख और दुख का बराबरी से साथ देते हुए एक दूसरे का साथ निभाने का वादा किया। हुई ना ये एक खूबसूरत रिश्ते की शुरुआत? यहां सबसे अहम बात ये है कि कमला और याग्निक ने फेरों वाली रस्म का मतलब समझा। उन दोनों ने ये बात समझी की यहां दो लोग एक दूसरे के साथ जिंदगी भर का साथ निभा रहे हैं और ऐसे में उन्हें साथ ही तो चलना चाहिए। इसके बारे में बात करते हुए कमला ने कहा, 'हम दोनों ने इस रस्म का मतलब समझने की कोशिश की। हमारा परिवार और पंडित सभी ने ये समझा और सभी इस बात के लिए मान गए कि हम साथ-साथ चलेंगे। तो बस हमारी शादी में वही हुआ जो हमने प्लान किया था।' 

इस जोड़े ने अपनी शादी की रस्मों को हिंदी में ट्रांसलेट भी करवाया ताकि गेस्ट हर रस्म का मतलब समझ सकें। कमला और याग्निक की शादी गोवा के एक रिजॉर्ट में हुई थी और शादी के रीति-रिवाज और जश्न तीन दिनों तक चलते रहे थे। इस शादी को बराबरी का बनाने के लिए दोनों ही पक्षों ने मेहनत की थी और वो सफल भी रहे। 

हिंदुस्तान में शादी के मायने कुछ और ही हैं और कई सारी रस्मों और कायदों को निभा कर शादी को पूरा किया जाता है, हममे से कई लोग ये सोच भी नहीं पाते कि हम किसी रस्म को बदलें, लेकिन इस जोड़े ने रस्मों के साथ बराबरी के बारे में भी सोचा।  ऐसे ही कन्यादान को भारत में महादान कहा जाता है। कन्यादान की रस्म हर शादी में निभाई जाती है जिसका मतलब होता है कि कन्या को किसी और को दान किया जा रहा है। पर यहां दुल्हन के परिवार ने इस रस्म को पूरी तरह से नकार दिया और शादी में कन्यादान नहीं हुआ।  

इसके बारे में दुल्हन ने कहा, 'हम चाहते थे कि शादी में ऐसी रस्में हों जो एक बराबर हों। हमने कुछ जंग जीतीं और कुछ हारीं। हमने कन्यादान की रस्म नहीं की और न ही वो रस्म की जहां दुल्हन के माता-पिता दूल्हे के पैर धोते हैं।'  इस जोड़े ने लड़की वालों को कमतर दिखाने वाली कोई भी रस्म नहीं की है। सदियों से दुल्हन के माता-पिता दूल्हे के पैर धोते हैं। ऐसा कहीं भी नहीं देखा गया कि दूल्हे के माता-पिता दुल्हन के पैर धो रहे हों। ऐसे में क्या वाकई ये कहा जा सकता है कि शादी में रस्में बराबरी की होती हैं? यकीनन इस जोड़े ने एक बहुत अच्छी पहल की है जहां इस तरह के रीति-रिवाजों को दरकिनार कर दिया गया है।

कुंवारी होकर भी दुल्हन का रोल बखूबी अदा करती हैं ये 8 अभिनेत्रियां, जीत चुकी हैं सबका दिल

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.