Dry Fruits Modak : इस गणेश चतुर्थी बप्पा को ड्राई फ्रूट्स मोदक का भोग लगाकर करें प्रसन्न, जानिए रेसिपी
Dry Fruits Modak Recipe : पूरे देश में बड़े धूमधाम से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) का पर्व मनाया जाता है। इस बार श्री गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 31 अगस्त से शुरू हो रही है जो अनंत चतुर्दशी यानी 9 सितंबर तक चलेगी। इस दिन बप्पा की प्रतिमा का विर्सजन किया जाएगा। यह त्योहार ‘कैलाश पर्वत’ से अपनी मां देवी पार्वती के साथ भगवान गणेश के अवतरण का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है 10 दिन तक चलने वाले इस गणेश उत्सव में बप्पा को 10 दिनों तक अलग-अलग चीजों का भोग लगाने से विघ्नहर्ता काफी प्रसन्न (Happy) होते है। वैसे तो गणपति जी को मोदक (Modak) सबसे ज्यादा प्रिय है, ऐसे में आज हम आपको बप्पा को भोग लगाने के लिए स्पेशल ड्राई फ्रूट्स मोदक (Dry Fruits Modak) बनाने की विधि बताएंगे। तो चलिए जानते है…
Dry Fruits Modak बनाने के लिए सामग्री
5 से 6 खजूर
आधा कप भूने हुए बादाम (Almond)
आधा कप काजू (Cashew)
आधा कप ड्राई फ्रूट्स
मेपल सिरप
मोदक का सांचा
इस तरह बनाएं ड्राई फ्रूट्स मोदक (Dry Fruits Modak)
- ड्राई फ्रूट्स मोदक (Dry Fruits Modak) बनाने के लिए मेवों को काट कर सूखा भून लें, जब तक कि ये हल्के सुनहरे भूरे रंग के न हो जाएं।
- फिर खजूर से बीज निकाल दें। एक ग्राइंडर लें, उसमें सभी सामग्री को एक साथ डालें और तब तक पीसें जब तक वे एक आटे जैसे न बन जाएं।
- अगर इस दौरान लगता है कि इसे मोदक (Modak) नहीं बंधेंगे तो कुछ और खजूर डालें और आटा गूंथ लें। इसको तैयार होने के बाद, सांचे को मेपल सिरप से चिकना करें और इस मिश्रण का एक बड़ा हिस्सा लें और इसके अंदर डालें। एक संपूर्ण आकार के लिए सभी तरफ से पर्याप्त सामग्री डालें।
- इसी तरह सभी मोदक (Modak) को बनाएं और बनने के बाद ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें। इसे लगभग 1 घंटे के लिए जमने के लिए रख दें। मोदक को फ्रिज में से निकाल लीजिये, उन्हें प्लेट में रखें और बप्पा को भोग लगाएं
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बता दें कि, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 31 अगस्त यानी बुधवार से प्रारंभ हो रही है। बुधवार गणपति जी का दिन होता है और इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत अपने आप में बहुत खास होगी। 10 दिवसीय गणेशोत्सव पर्व का शुभ मुहूर्त भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 अगस्त की दोपहर से शुरू हो रही है और 31 अगस्त को दोपहर 03:23 बजे समाप्त हो रही है गणपति (Ganpati) की मूर्ति की स्थापना का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त दोपहर करीब साढ़े 3 बजे तक है।
गणेश चतुर्थी का महत्व (Significance of Ganesh Chaturthi) भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है और दस दिन तक इस उत्सव को मनाया जाता है. गणपति उत्सव चतुर्दशी को समाप्त होता है। बता दें कि कि गणपति (Ganpati) के शरीर के विभिन्न अंगों का अलग महत्व है माना गया है। इसमें सिर को आत्मान, शरीर को माया, हाथी के सिर को ज्ञान, सूंढ़ को ऊं का प्रतीक माना गया है। दस दिन के उत्सव के बाद गणपति का विसर्जन किया जाता है।