गिलोय है सेहत के लिए संजीविनी, इतने सारे होते हैं गिलोय के फायदे
Youthtrend Health & Fitness Desk : हम में से बहुत से लोगों ने गिलोय के बारें में अवश्य सुना होगा पर शायद ही आप इसके बारें में ज्यादा जानते होंगे, गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जिसके प्रयोग के बारें में आयुर्वेदिक ग्रंथो में लिखा हुआ हैं, इसमें गिलोय के बारें में बहुत सी फायदेमंद बातें उल्लेखनीय हैं। गिलोय स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक हैं, गिलोय से बहुत सी बीमारियो का इलाज किया जाता हैं, आज के इस लेख में हम आपको गिलोय को लेकर काफी ऐसी बातें बताने जा रहें हैं जो शायद आपको ना पता हो।
क्या होता हैं गिलोय
दरअसल ये एक तरह से बेल होती हैं जिसकी पत्तियां देखने में बिल्कुल पान के पत्ते के जैसी होती हैं, अमृत समान औषधीय गुण होने के कारण इसे अमृता के नाम से भी जाना जाता हैं, गिलोय की बेल एक ऐसी बेल हैं जो कभी नहीं सूखती और अगर इसके तने की बात की जाए तो ये देखने में बिल्कुल रस्सी जैसा लगता हैं। गिलोय की बेल जिस भी पेड़ पर चढ़ जाती हैं उस पेड़ के थोड़े से गुण गिलोय के बेल में अवश्य आ जाते हैं, कहा जाता हैं कि जो गिलोय की बेल नीम के पेड़ पर होती हैं उसे बेहद अच्छा माना जाता हैं।
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार गिलोय के सेवन से पेट में मौजूद कीड़े तो खत्म होते ही हैं इसके साथ नुकसानदेह बैक्टीरिया भी शरीर में से खत्म हो जाता हैं, गिलोय का सेवन हमारें शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता हैं ये भी कहा जाता हैं कि गिलोय में बहुत ही महत्वपूर्ण एंटीवायरल और एंटीबॉयोटिक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद ही आवश्यक माने जाते हैं। गांव में तो गिलोय को गरीबों का डॉक्टर कहा जाता हैं क्योंकि गिलोय आसानी से हर गांव में मिल जाती हैं।
किस-किस नाम से जाना जाती हैं गिलोय
हिंदी में गिलोय को गिलोय के अलावा गडुची और अमृता भी कहा जाता हैं, इंग्लिश भाषा में इसे इंडियन टिनोस्पोरा, हार्ट लिव्ड टिनोस्पोरा, मून सीड, गांचा टिनोस्पोरा कहते हैं, संस्कृत में इसे वत्सादनी, तत्रिका, मधुपर्णी, अमृतलता, अमृतवल्ली भी कहते हैं।
आंखों के लिए हैं फायदेमंद गिलोय
अगर आंखों में किसी तरह की समस्या जैसेकि अंधेरा छाना, काला या सफेद मोतियाबिंद या चुभन महसूस होती हो तो गिलोय में मौजूद औषधीय गुण आपको राहत दे सकते हैं, इसके लिए 10 मिली गिलोय का रस लीजिए और उस में शहद और सेंधा नमक को 1-1 ग्राम की मात्रा में अच्छे से मिलाने के बाद इसको काजल की तरह उपयोग में ला सकते हैं।
आंखों को रोशनी बढ़ाने के लिए गिलोय के रस में त्रिपल मिला कर एक काढ़ा तैयार कर लें और फिर काढ़े की 10-20 मिलीग्राम मात्रा में एक ग्राम पिपली चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह और शाम के समय इसका सेवन कीजिए जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती हैं गिलोय का सेवन करते समय एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि सही मात्रा में और सही तरीके से सेवन करने पर ही इसका लाभ मिलेगा।
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कान की समस्या के लिए गिलोय
अगर आपको कानों में कोई समस्या हो तो गिलोय के तने को पानी में घिसकर उस पानी को थोड़ा गुनगुना कर लीजिए, अब इस पानी को दिन में दो बार दो-दो बूंद डालने से कान की गंदगी बाहर आ जाती हैं, गिलोय में मौजूद औषधीय गुण कानों को किसी तरह का नुकसान पहुचाएं बिना कान के मैल को निकाल देता हैं।
अगर आ रही हो हिचकी तो लें गिलोय
एक बार जब हिचकी आना शुरू हो जाती हैं तो बहुत मुश्किल हो जाती हैं ऐसे में हिचकी बंद करने के लिए गिलोय और सोंठ को मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लीजिए और फिर उसे नसवार की तरह से सूंघने से हिचकी में आराम मिलता हैं। आप चाहें तो गिलोय का चूर्ण और सोंठ के चूर्ण को मिलाकर एक चटनी बना लें और उसे दूध में मिलाकर पी लीजिए इससे हिचकी बंद हो जाती हैं।
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बुखार में हैं लाभदायक गिलोय
बुखार को ठीक करने के लिए गिलोय का सेवन बहुत ही फायदेमंद हैं, दरअसल इसमें मौजूद तत्वों की मदद से बुखार के लक्षणों को शरीर में पनपने से रोकता हैं, डेंगू के बुखार में व्यक्ति के शरीर में मौजूद प्लेटलेट्स एकदम तेजी से कम होने लगते हैं ऐसे में गिलोय के सेवन से शरीर में मौजूद रक्त प्लेटलेट्स बढ़ने लगते हैं जो हमारें शरीर के लिए बेहद ही जरूरी हैं। गिलोय से मलेरिया का इलाज भी होता हैं।
अगर किसी को पुराना बुखार हो तो 40 ग्राम गिलोय को अच्छे से मसलकर उसे मिट्टी के बर्तन में रख दीजिए, उसके बाद उसे 250 मिली पानी में रातभर के लिए ढक कर रख दें, सुबह के समय उसे छान लीजिए, 20 मिली की खुराक दिन में तीन बार लेने से हर तरह का पुराना बुखार ठीक हो जाता हैं।