सर्वाइकल पेन होता है बेहद दर्दनाक, घातक हो सकता है अनदेखा करना, जानें इसे दूर करने के आसन उपाय
ठंडी का मौसम वैसे तो काफी सुहाना होता है लेकिन यह मौसम अक्सर ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा देता हैं जिनमे सबसे ज्यादा असर हड्डियों और जोड़ों पर पड़ता है और उनमे दर्द बढ़ जाता है। दिन भर बैठे रहने से, कुर्सी या सोफे पर आड़े-टेढ़े बैठने से, सीधा न चलने और कम शारीरिक मेहनत की वजह से कई बार हमारी कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं और इनमें दर्द शुरू हो जाता है और ऐसा ही एक पेन है सर्वाइकल पेन यानि गर्दन का दर्द, जिससे आजकल बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।
क्या है सर्वाइकल पेन?
गर्दन से शुरू हुए इस दर्द को यदि आप लम्बे समय तक नजरअंदाज करते हैं या दर्द की सामान्य दवाओं के सहारे टाल देने से यह धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। गर्दन के बाद ये दर्द कमर और पैरों तक पहुंच जाता है, जो बहुत ही तकलीफदेह होता है। सर्वाइकल डिस्क हड्डियों के बीच के दर्द को अवशोषित करती है। गर्दन की हड्डियां, स्नायुबंधन और मांसपेशियां सिर का समर्थन करती हैं और गति को सामान्य बनाए रखती हैं। ऐसे में यदि उस जगह पर किसी भी असामान्यता, सूजन, या चोट होने पर गर्दन में दर्द या अकड़न हो सकती है और इसके लिए फिजियोथेरेपी या व्यायाम की जरूरत पड़ सकती है।
सर्वाइकल पेन के लक्षण
गर्दन के आसपास मांसपेशियों में अकड़न
बांह, हाथ एवं पैर में सूजन अथवा कमजोरी का महसूस होना- यह सर्वाइकल का प्रमुख लक्षण होता है, जिसमें बांह, हाथ एवं पैर में सूजन हो जाती है।
अगर आपको सामान्य तौर पर चलते-फिरते हुए गर्दन में किसी प्रकार के दर्द का अहसास बार-बार होता है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
अक्सर, ऐसा देखा गया है कि लोगों की मांसपेशियों (विशेष रूप से पैरो, बांह, गर्दन) में ऐंठन हो जाती है। इसकी वजह से उन्हें काफी बैचेनी महसूस होती है और उन्हें व्यायाम करने की जरूरत पड़ती है।
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सर्वाइकल पेन को दूर करने के सरल उपाय
सर्वाइकल पेन के गंभीर होने की सबसे बड़ी वजह लोगों का रवैया है। कईं लोग इसे हल्के में लेकर टाल जाते हैं और कईं लोग मानते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है और इसीलिए वह इसका इलाज नहीं खोज पाते, परंतु सर्वाइकल का इलाज पूरी तरह मुमकीन है। लेकिन अच्छी बात यह है कि किसी भी अन्य समस्या की भांति सर्वाइकल से भी बचाव संभव है। यदि कोई व्यक्ति सर्वाइकल से अपना बचाव करना चाहता है तो वे निम्नलिखित तरीकों को अपना सकता है-
नियमित रूप से व्यायाम करना
किसी भी अन्य बीमारी की तरह सर्वाइकल के इलाज में भी व्यायाम करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। व्यायाम के द्वारा मानव-शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इसके साथ में उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार होता है।
फीज़ियो-थेरेपी
फीज़ियो-थेरेपी आज एक ऐसी चिकित्सा में शामिल है, जो लगभग हर प्रकार के रोग में राहत देने का कारण बन गई है और इसीलिए इसका प्रचलन भी बहुत बड़ गया है। फिज़ियो-थेरेपी में सर्वाइकल के लिए कईं तरह के व्यायाम हैं जो आपको पूरी तरह राहत देंगे।
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सही मुद्रा में सोना
यह समस्या सही मुद्रा में न सोने के कारण भी होती है। अत: व्यक्ति को सही मुद्रा में सोना चाहिए ताकि उसकी रीढ़ की हड्डी पर किसी तरह का दबाव न पड़े।
ठन्डे या गर्म कपडे से सिकाई
सर्वाइकल पेन होने पर दवा का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि आप घरेलू नुस्खों को अपनाईए। इसके लिए वह गर्म कपड़े या बर्फ के टूकड़े को गर्दन के उस हिस्से पर लगा सकता है, ताकि उसे सर्वाइकल में आराम मिल सके।
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