Lifestyle

डिस्पोजल ग्लास खोल रहे हमारे लिए मौत के दरवाजे, हकीकत जानने के बाद इस्तेमाल से भी डरेंगे

डिस्पोजल ग्लास खोल रहे हमारे लिए मौत के दरवाजे, हकीकत जानने के बाद इस्तेमाल से भी डरेंगे

छोटी से छोटी पार्टी हो या बड़ा से बड़ा फंक्शन, चाय की दुकानें हों या फिर रेस्टोरेंट शहर भर में हर जगह पर डिस्पोजल सामान ही इस्तेमाल में आ रहे हैं। शहर में प्लास्टिक के डिस्पोजल कप के बेहताशा इस्तेमाल ने परेशानी बढ़ा रखी है, इससे ना सिर्फ नालियां चोक हो रही है बल्कि इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की सेहत पर भी खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं प्लास्टिक डिस्पोजल कप को जलाने से वातावरण में जा रहा धुआं भी बीमारी का कारण बन सकता है। इसकी वजह यही है की भागमभाग की जिंदगी में बर्तनों को धोने से बचने का अच्छा ऑप्शन डिस्पोजल आइटम्स को इस्तेमाल में लाना, इसलिए लोग डिस्पोजल के दुस्प्रभाव को अनदेखा करते हुए धड़ल्ले से इसे उपयोग में ला रहे है।

डिस्पोजल ग्लास खोल रहे हमारे लिए मौत के दरवाजे, हकीकत जानने के बाद इस्तेमाल से भी डरेंगे

शहर में विभिन्न स्थानों पर लगभग 250-300 चाय की दुकानों से हर दिन करीब 25 से 50 हजार डिस्पोजल कप की खपत होती है और इस्तेमाल के बाद यह डिस्पोजल सड़क पर फेंक दिए जाते हैं बाद में यह कचरा नालियों में पहुंचकर अवरोध बन जाता है। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक के डिस्पोजल कप में चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है। आज हम आपको इसी डिस्पोजल के बारे में एक ऐसा सच बताने जा रहे है जिसे जानने के बाद शायद ही आप इसका उपयोग दोबारा से करे।

आपको बताना चाहेंगे की ये सारे डिस्पोजल प्लास्टिक को गला कर बनाया जाता है और हम सभी को पता है की प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक है। जब भी कोई गरम तरल पदार्थ का सेवन हम इसमें करते है तब प्लास्टिक के कुछ कण इसमें मिल जाते है जैसे की चाय, जो अक्सर हम पीते है वो किसी जहर से कम नही है अगर उसे डिस्पोसल में पिया जाए तो। यकीन नहीं है तो एक बार गिलास में चाय डालने से पहले गिलास में रगड़कर उगंली घुमाये आम पायेंगे की आपकी उगंली हल्की सी चिकनी हो गई है।

यह भी पड़ें : अगर खाते हैं सेब तो जरूर पढ़ें ये खबर, वरना जिंदगी भर पछताएंगे

डिस्पोजल ग्लास खोल रहे हमारे लिए मौत के दरवाजे, हकीकत जानने के बाद इस्तेमाल से भी डरेंगे

रीसाइकल के दौरान गिलास आपस में चिपके नहीं इसलिये मशीन द्वारा इनमें हल्की सी मोम की परत लगा दी जाती है। जब हम इसमें गर्मा-गर्म चाय डालते है तो यह जहरीला मोम पिघल कर चाय में मिलकर हमारे अन्दर चला जाता है, चाय गर्म होने के कारण इसके स्वाद का हमें पता नहीं लगता। अगर आप सिद्ध करना चाहते है कि ऐसा है या नहीं तो एक बड़ा ही आसान तरीका हैं, सबसे पहले गर्म चाय डिस्पोजल गिलास में डाले और उस चाय को पानी तरह ठण्डा होने दे फिर ठण्डी चाय की घुट भरे।

यकीन मानिये सारे दिन आपके मूहं का स्वाद कोई ठीक नहीं कर सकता। माना जाता है की कैमीकल्स पी कर हम कैन्सर को न्यौता दे रहे है,अगर आपकी उम्र ज्यादा हो चुकी है भले ही आप इस जहर को पीना न छोडे लेकिन कृप्या अपने बच्चों को यह जहर पीने से रोके क्योंकि ये हमारे देश के भविष्य है समाज को उनसे बड़ी  ही उम्मीद है।

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.