पुरानी जीन्स से 400 अलग-अलग तरह के इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बना रहा बिहार का ये युवा, विदेशों में भी हो रहे चर्चे
पुरानी जीन्स से इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स | आजकल हमारें आसपास ऐसे बहुत से अभियान चलाए जाते है जिसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने और वातावरण को स्वच्छ बनाये रखने की बात की जाती है, वैसे शुरू में तो बहुत से लोग इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है परंतु कुछ समय बाद ही उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। लेकिन उनमें से भी कुछ ऐसे लोग होते है जो अपनी सोच के दम पर पर्यावरण के लिए कुछ कर गुजरते है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने पुरानी हो चुकी डेनिम के बदले 400 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स तैयार कर लिए है।
कैसे आया पुरानी जीन्स से नए प्रोडक्ट बनाने का आईडिया
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आज हम आपको जिस व्यक्ति की कहानी सुनाने जा रहे है उनका नाम सिद्धांत कुमार है और वो पुरानी जीन्स या डेनिम से पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए कुछ ऐसे प्रोडक्ट बना रहे है जो उपयोगी होने के साथ अलग भी है। सिद्धांत जो आईआईटी बॉम्बे से मास्टर्स इन डिज़ाइन की पढ़ाई पढ़ चुके है, शुरू में उनकी नौकरी बैंगलोर की एक आईटी कंपनी में लगी लेकिन ज्यादा समय तक उनका मन उस नौकरी में नहीं लगा जिसके बाद कुछ अलग करने की उनकी चाहत उन्हें दिल्ली लेकर आ गई।
दिल्ली आकर उन्होंने अपना छोटा सा स्टार्टअप शुरू किया था जिसमें वो विभिन्न प्रकार के ऑन टेबल बोर्ड गेम्स बनाने लगे थे। इसके अलावा उसी समय उन्होने खुद की पुरानी जीन्स की मदद से कुछ पुरानी हो चुकी चीजों को एक नया रूप देना शुरू किया।
पुरानी जीन्स से बनाने लगे इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स
सिद्धांत ने बताया कि जब वो दिल्ली में किराए के घर में रह रहे थे तो उस घर की दीवारें बहुत ही सादी थी जिसकी वजह से उनके दिमाग में दीवारों को एक नया रूप देने का आया। सिद्धांत ने घर की दीवारों को सजाने के लिए पुरानी जीन्स का इस्तेमाल किया और देखते ही देखते उनका घर सुंदर दिखाई देने लगा। जब भी उनके घर उनसे कोई मिलने आता तो उनका घर देख कर हर कोई उसकी तारीफ करने लगता।
लोगों के द्वारा उनके सजाए हुए घर की जब तारीफ होने लगी तो सिद्धांत को और भी ऐसी चीज बनाने के लिए प्रेरणा मिली, सिद्धांत ने शुरू में बेकार हो चुकी जीन्स की मदद से उन्होंने समान बनाने से पहले एंटीक सामानों को इकट्ठा करने की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने सभी आइटम को डेनिम की मदद से सजाना शुरू कर दिया था जिसके बाद साल 2015 में सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में उन्होंने अपने सामान की प्रदर्शनी लगाई।
एक के बाद एक बनने लगे ढेरो प्रोडक्ट
जब सिद्धांत को प्रदर्शनी में आए लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली तो उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली, अब उनके उत्पाद जब लोगों को पसंद आने लगे तो उन्होंने पुरानी डेनिम के लिए बर्तन के बदले कपड़े लेने वाले से संपर्क किया। जिसके बाद उन्हें बहुत से डेनिम कपडे मिलने लगे उसकी मदद से उन्होंने बैग, डायरी, पेन, लालटेन, सोफा कवर, पर्दे, स्टूल इत्यादि को डेकोरेट करना शुरू कर दिया था। शायद ही आपको पता हो एक जीन्स को बनाने के लिए 1000 लीटर पानी खर्च होता है, जिसके बाद जब जीन्स खराब हो जाती है तो ऐसे में जब हम जीन्स को फेंक देते है तो उसकी वजह से पर्यावरण का बहुत नुकसान होता है। लेकिन सिद्धांत हर महीने लगभग 1000 पुरानी जीन्स को रिसाइकिल करते है और उनके इस स्टार्टअप से 40 लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है।
देश ही नहीं विदेश में भी है मांग
सिद्धांत के द्वारा पुरानी डेनिम से बनाये गए प्रोडक्ट की मांग ना केवल भारत बल्कि बाहर के देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान इत्यादि देशों में भी है। डेनिम की मदद से प्रोडक्ट बनाने के अलावा डेनिम से फ्लोर भी डेकोरेट किया जाने लगा है, बहुत से इंटीरियर डिजाइनर अपने बहुत से प्रोजेक्ट के लिए सिद्धांत को संपर्क करते है और इनके प्रोडक्ट की मदद से घर, ऑफिस, शोरूम इत्यादि को डेकोरेट भी किया जा रहा है।