हौसले को सलाम: IIT से इंजीनियरिंग, रेलवे में अफसर, US से लाखों का ऑफर तक ठुकरा बन गए IAS
Youthtrend Inspirational Desk : किसी ने सही कहा हैं कि अगर कोई किसी चीज को पाने के लिए सच्चे दिल से मेहनत करता हैं तो वो उसे हासिल कर लेता हैं और अगर उसकी मेहनत में मां का आशीर्वाद और मेहनत शामिल हो तो ऐसे व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता, आज हम जिस युवक की बात करने जा रहें हैं उसने 2019 में आयोजित UPSC CSE परीक्षा में AIR 8 रैंक हासिल की हैं। हम बात कर रहें हैं अभिषेक सर्राफ की, उन्होंने अपनी इस सफलता के पीछे अपनी मां को श्रेय दिया हैं आइये जानते हैं कैसे सफलता हासिल की अभिषेक ने और कैसे उनकी मदद की उनकी मां ने।
10 माह की उम्र में उठ गया था पिता का साया
अभिषेक सर्राफ का जन्म मध्यप्रदेश के भोपाल में हुआ था जब वो सिर्फ 10 महीने के हुए थे तो उनके पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया था तब उनको पालने की जिम्मेदारी अकेले उनकी माता के जिम्मे आ गई जिसे उनकी माता ने बखूबी निभाया। अभिषेक के पिताजी फैमिली बिजनेस करते थे और उनकी माता गृहिणी थी, पिताजी के जाने के बाद उनपर दुखों का पहाड़ टूट गया लेकिन उनकी माता ने हार नहीं मानी, इसके अलावा ननिहाल पक्ष से भी उनके परिवार को काफी मदद मिली।
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मां ने हमेशा किया पढ़ाई के लिए प्रेरित
अभिषेक ने बताया कि वो दो भाई हैं और हमेशा उनकी मां ने उन्हें पड़ने की प्रेरणा दी भले ही घर के हालात कैसे हो पर दोनों भाइयों की पढ़ाई पर कभी असर नहीं पड़ने दिया, उनकी मां हमेशा हमेशा यहीं ख्वाब देखा करती थी कि दोनों भाई अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करें।
स्कूली पढ़ाई पूरी करते ही कर शुरू कर दी थी मेहनत
अभिषेक बताते हैं कि जब 2009 में उन्होंने स्कूली शिक्षा पूर्ण कर ली थी तो उनका सेलेक्शन आईआईटी (IIT) कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग में हुआ था, बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले अभिषेक आईआईटी की पढ़ाई के दौरान समर इंटर्नशिप के लिए सरकारी खर्चों पर अमेरिका चले गए थे। उसके बाद 2013 में अभिषेक ने इंजीनियरिंग सर्विस का एग्जाम दिया और पूरे देश में उन्हें 5वीं रैंक हासिल हुई।
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रेलवे से सिविल सर्विस तक का सफर
इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम में पांचवी रैंक आने के बाद उन्हें रेलवे में असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की नौकरी मिली, रेलवे में नौकरी मिलने के बाद भी उनके अंदर आगे बढ़ने की जिज्ञासा शांत नहीं हुई, ट्रेनिंग के दौरान उनकी मुलाकात उनके पुराने साथियों से हुई जो सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे हुए थे उनसे मिलकर ही उन्हें सिविल सर्विस के लिए प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी और उनका अब एक ही लक्ष्य बचा था सिविल सर्विस का इसलिए उन्होंने कड़ी मेहनत शुरू कर दी।
रेलवे की नौकरी छोड़ करने लगे सिविल सर्विस की तैयारी
सिविल सर्विस की तैयारी के लिए उन्होंने रेलवे की नौकरी छोड़ दी और परीक्षा की तैयारियों में लग गए, UPSC की तैयारी में वो 2016 से जुट गए थे, UPSC का पहला प्रयास उन्होंने 2017 में किया और उन्हें उस परीक्षा में आल इंडिया में 402 रैंक हासिल हुई जिसके बाद उनका चयन इंडियन डिफेंस एकाउंट में हो गया था लेकिन फिर दुबारा उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दिया और इस बार महज 15 दिनों के भीतर ही।
लगातार कोशिश करते रहे अभिषेक
2018 में भी उन्होंने UPSC एग्जाम क्लियर किया और इस बार उन्हें 248 रैंक मिली जिसकी वजह से उन्हें आईआरएस (IRS) कस्टम सर्विस में नौकरी मिली जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया, इस नौकरी को जॉइन करने से पहले ही वो 2019 UPSC का मैन्स एग्जाम दे चुके थे, 30 जुलाई को उनका UPSC इंटरव्यू था जिसमें उन्हें देश मे 8वीं रैंक मिली।