जया किशोरी की जीवनी | Jaya Kishori Biography in Hindi
आप सब लोगों ने “मेरा आप की कृपा से सब काम हो रहा है” भजन तो जरूर सुना होगा पर क्या आप इस सुंदर भजन को गाने वाले गायक को जानते हैं, उनका नाम हैं जया किशोरी जी। भजन गाने के अलावा जया किशोरी जी एक कथा वाचक भी हैं जिस उम्र में लोग मौज-मस्ती करते हैं उस उम्र में उन्होंने अपने आप को भगवान के प्रति समर्पित कर दिया हैं और वो लोगो के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत्त बन चुकी हैं। आज हम आपको जया किशोरी की जीवनी (Jaya Kishori Biography in Hindi) के बारें में बताने जा रहें हैं उम्मीद हैं आपको ये पढ़कर प्रेरणा जरूर मिलेगी।
जया किशोरी जी का प्रारंभिक जीवन
जया किशोरी जी का वास्तविक नाम तो जया शर्मा हैं इनका जन्म राजस्थान के एक गांव सुजानगढ़ में 13 जुलाई 1996 को एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। किशोरी जी के पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और माता का नाम गीता देवी हरितपल था। अपने घर में सभी भाई और बहनों में जया जी सबसे बड़ी हैं इनके घर में शुरू से ही भक्तिमय माहौल होने के कारण उनका मन भगवान की भक्ति में रमने लगा, वो अपना समय भगवान के भजन सुनने और उनकी कथा सुनने में व्यतीत करने लगी।
इन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलकाता के महादेवी बिड़ला वर्ल्ड अकादमी से की, सबसे ज्यादा दिलचस्प बात ये हैं कि केवल 9 वर्ष की आयु में ही किशोरी जी ने शिव-तांडव स्त्रोत्त, रामाष्टकम, मधुराष्टकम, लिंगाष्टकम, शिव पंचाक्षर स्त्रोत्त गाकर इन्होंने बहुत से लोगों को अपना मुरीद बना लिया।
जया किशोरी जी का भजनों से लगाव (Jaya Kishori Biography in Hindi)
जया जी का मन 6 वर्ष की उम्र से ही भगवान की भक्ति में मन रमने लगा, शुरू में वो जन्माष्टमी की विशेष पूजा करने लगी थी, इतनी छोटी सी ही उम्र में उनका भगवान से लगाव इतना ज्यादा हो गया था कि वो भगवान श्रीकृष्ण को ही अपना सब कुछ मानने लगी थी यहां तक कि वो उन्हें अपना भाई मानने लगी थी।
10 वर्ष की उम्र में इन्होंने सुंदरकांड को जिस खूबसूरती तरह से गाया था उसे देखकर लाखों लोगों के वो दिल में अपनी जगह बना चुकी थी। अब तक ये बहुत से भजन गा चुकी हैं और लोगों को अपनी मधुर वाणी से आनंद विभोर करती रहती हैं। भजनों के अलावा वो कथा का वाचन भी करती हैं।
जया किशोरी जी के सामाजिक कार्य
भजन गायन और कथावाचन के अलावा वो बहुत से सामाजिक कार्य भी करती रहती हैं उन्हें कथा पाठ से जो भी धन मिलता हैं वो उसे उदयपुर की एक संस्था नारायण सेवा ट्रस्ट में दान कर देती हैं। नारायण सेवा ट्रस्ट का मुख्य कार्य शरीर से अक्षम बच्चों का इलाज किया जाता हैं।
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जया किशोरी जी के बारें में अन्य मुख्य बातें
इतनी छोटी उम्र में ही धर्म के राह पर चलने वाली किशोरी जी का रहन-सहन बिल्कुल सादा हैं इनके चेहरे की चमक को देखकर कोई भी आसानी से इनको देवी का रूप समझ सकता हैं कई लोग तो इन्हें देवी, पूज्य जया और साध्वी दीदी भी कहते हैं।
जया किशोरी जी प्रत्येक वर्ष खाटूश्यामजी का मंदिर जो राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हैं, जाती हैं और इनका खाटू श्याम में अटूट विश्वास हैं। जितने दिन वो खाटूश्यामजी में रहती हैं उतने दिन तक वो खाटूश्यामजी में अपने भजनों की वर्षा से सबको भिगो देती हैं।
जया किशोरी जी के विचार
जया किशोरी जी ने बताया हैं कि जो बदलता हैं वो ही आगे बढ़ता हैं, इसके अलावा उन्होंने कहा हैं कि बीच रास्ते से किसी को भी लौटने का कोई फायदा नहीं हैं क्योंकि वापस लौटने पर भी आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी में आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
किसी की महानता कभी ना गिरने में नहीं बल्कि जब भी गिरे तब गिर कर उठने मैं हैं, उन्होंने ये भी कहा हैं कि मुसीबतों से भागना हमेशा नई मुसीबतों को निमंत्रण देने के बराबर होती हैं।
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