Independence Day 2020 : जानिये किन अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है
Youthtrend Viral Desk : देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन 15 अगस्त, 1947 हैं। 15 अगस्त के दिन ही देश को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ादी मिली थी, इस देश को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं देश के लिए असंख्य सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा देश का सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं, देश के हर निवासी को तिरंगे का हमेशा सम्मान करना चाहिए, सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता हैं लेकिन कुछ ऐसे मौके भी आते हैं जब राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता हैं, आज के इस लेख में हम आपकों ऐसे ही अवसरों के बारें में बताने जा रहें हैं।
देश के दिग्गज व्यक्तियों के निधन पर
देश में जब भी किसी गणमान्य व्यक्ति का निधन हो जाता हैं तो ऐसे में देश में राष्ट्रीय ध्वज को आधा फहराया जाता हैं राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निधन होने के बाद ऐसा किया जाता हैं। इनके अलावा लोकसभा अध्यक्ष, भारत के चीफ जस्टिस, केंद्रीय मंत्रिमंडल के राज्यमंत्री और उपमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री इन सबके निधन पर भी देश की राजधानी और सभी राज्यों की राजधानी में तिरंगे को आधा झुका दिया जाता हैं।
इन लोगों की मृत्यु पर भी झुकाया जाता हैं राष्ट्रीय ध्वज
जब भी किसी राज्यपाल, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य के कैबिनेट मंत्री के देहांत पर संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में इन लोगों के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता हैं, इसके अलावा और भी ऐसे अवसर आते हैं जब तिरंगे को झुकाया जाता हैं।
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क्या हैं तिरंगे को झुकाने का नियम
नियमानुसार जब देश के किसी भी गणमान्य व्यक्ति का निधन होता हैं अगर उनके निधन की सूचना दिन में मिलती हैं तो उस व्यक्ति से संबंधित बिल्डिंगों में उस दिन के साथ अगले दिन भी राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता हैं लेकिन इसमें एक शर्त ये हैं कि उनका अंतिम संस्कार सूर्योदय से पहले ना हुई हो, इसके अलावा जिस जगह उनका अंतिम संस्कार किया जाता हैं वहां भी अंत्येष्टि के दिन राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता हैं।
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कब नहीं झुकाया जा सकता हैं राष्ट्रीय ध्वज
भारतीय झंडा संहिता 2002 के अनुसार अगर किसी राष्ट्रीय पर्व के समय देश के किसी सम्मानित व्यक्ति का निधन हो जाता हैं तो जिस जगह पार्थिव देह रखा जाता हैं सिर्फ वहीं पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता हैं, जब पार्थिव शरीर को वहां से हटा दिया जाता हैं तो उस भवन में फिर से झंडा लहराया दिया जाता हैं। झंडे को झुकाते समय ये ध्यान रखा जाता हैं कि पहले राष्ट्रीय ध्वज को पूरा फहराया जाता हैं फिर शाम के समय जब उसे उतारा जाता हैं तो एक बार फिर पूरा लहराया जाता हैं।