Black Box क्या होता है और विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद क्यों सबसे पहले इसे खोजा जाता है
Youthtrend News Desk : तेज बारिश और लो विज़ीबिलिटी की वजह से एयर इंडिया का विमान जो दुबई से 191 यात्रिओं को लेकर आ रहा था वह कल कोझिकोड में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 20 यात्री बुरी तरह जख़्मी हैं। जानकार इसकी वजह कोझिकोड के टेबलटॉप रनवे को भी मान रहे हैं मगर वजह जो भी हो यह एक बेहद ही दर्दनाक हादसा था जिसमे पायलट समेत कई लोगों ने जान गवां दी। फिलहाल बताया जा रहा है कि विमान का Black Box हाथ लग चुका है और अब इसकी मदद से विमान के हादसे की सही वजह का पता लग पायेगा।Black Box किसी भी विमान का एक जरुरी हिस्सा होता हैं, जब भी कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता हैं तो उसके ब्लैकबॉक्स द्वारा जानकारी इकट्ठी करने की कोशिश की जाती हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, आज के इस लेख में हम ब्लैक बॉक्स से संबंधित कुछ जानकारी जाननें का प्रयास करेंगे।
Black Box क्या होता है
ब्लैक बॉक्स हर विमान में लगा होता हैं इसे डाटा रिकॉर्डर भी कहा जाता हैं, ब्लैक बॉक्स हर विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता हैं ऐसा ब्लैक बॉक्स की सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता हैं, ब्लैक बॉक्स का मुख्य काम हवा में उड़ान भर रहें विमान की सभी गतिविधियों को दर्ज करना होता हैं इसमें एक उपकरण लगा होता हैं जो ये सभी जानकारी ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड कर लेता हैं। इस Black Box को मजबूत धातु टाइटेनियम से बनाया जाता हैं और इसको टाइटेनियम के बने एक बॉक्स में ही रखा जाता हैं ताकि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में ब्लैक बॉक्स को कम से कम नुकसान पहुंचे, ब्लैक बॉक्स को इस तरह बनाया जाता हैं कि जब विमान दुर्घटनाग्रस्त होता हैं तो भले ही ब्लैक बॉक्स कितनी भी ऊंचाई से समुद्र में गिरे पर इसकी जानकारी नष्ट ना हो।
Black Box का इतिहास
विश्व में सबसे पहले Black Box का उपयोग 1953-54 में किया गया था जब उस दौरान विमान हादसों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी, ऐसे में बढ़ते विमान हादसों को रोकने के लिए ब्लैक बॉक्स का इजाद किया गया ताकि भविष्य में किसी भी हादसे से जितना हो सके बचाव हो सकें। जब ब्लैक बॉक्स को शुरू में बनाया गया तो उसे रेड एग का नाम दिया हैं, शुरू-शुरू में ब्लैक बॉक्स के अंदर की दीवारों को काले रंग का रखते थे इसलिए उसे शायद ब्लैकबॉक्स का नाम दिया गया था।
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किस प्रकार काम करता हैं ब्लैक बॉक्स
जैसाकि हम सब जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स टाइटेनियम जैसी मजबूत से बना होता हैं इसलिए ब्लैक बॉक्स 11000 डिग्री तापमान में भी एक घंटे तक सही सलामत रह सकता हैं, ये ब्लैक बॉक्स बिना किसी विधुत के संपर्क में आए 30 दिन तक काम कर सकता हैं, ये ब्लैक बॉक्स जब कहीं गिरता हैं तो लगातार 30 दिनों तक हर सेकंड एक आवाज निकालता हैं, जब विमान को खोजने के लिए खोजी दल निकलता हैं इस आवाज को वो खोजी दल 1-2 किलोमीटर दूर से ही ढूंढ लेता हैं पानी के अंदर 14000 किमी जाने के बावजूद भी ये संदेश दे सकता हैं। ब्लैक बॉक्स से किसी भी विमान दुर्घटना के बारें में सटीक जानकारी नहीं मिल पाती, बहुत सी विमान दुर्घटनाओं में तो ब्लैक बॉक्स भी नहीं मिलता हैं, पर किसी भी विमान दुर्घटना के बारें में जानकारी प्राप्त करने में ये अहम भूमिका निभा सकता हैं।
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Black Box कितने प्रकार के होते हैं
मुख्य रूप से Black Box दो प्रकार के होते हैं, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर में विमान किस दिशा में जा रहा हैं, उसकी ऊंचाई, ईंधन, विमान के केबिन का तापमान जैसी 88 चीजों की जानकारी 25 घंटे तक रिकॉर्ड कर सकता हैं, ये बॉक्स 11000 डिग्री तापमान में 1 घंटे तक तो 260 डिग्री तापमान में 10 घंटे तक काम कर सकता हैं।
कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर में कॉकपिट के अंदर की आखिरी 2 घंटे की आवाज को रिकॉर्ड कर लिया जाता हैं, कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर में इमरजेंसी अलार्म की आवाज, केबिन की आवाज, इंजन की आवाज और कॉकपिट की आवाज को भी रिकॉर्ड किया जाता हैं