मोदी की पाठशाला: प्रधानमंत्री ने बोर्ड परीक्षार्थियों को दिया सफल होने का अचूक मंत्र
फरवरी खत्म होने को है और मार्च आते ही सभी छात्र-छात्राएँ अपनी-अपनी परीक्षा में जुट जाते है और अब तो बोर्ड की परीक्षा को भी शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गये है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्कूल के छात्रों को परीक्षा में सफल होने का मंत्र देते हुए नजर आ रहे हैं। इस चर्चा को “मेकिंग एक्जाम फन : चैट विद पीएम मोदी” का नाम दिया गया है। बोर्ड एग्जाम के चलते छात्र अपनी तैयारियों में काफी व्यस्त हैं और काफी दबाव में भी हैं। छात्रों की इसी मुश्किल को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनोखी पहल की है। इस पहल के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी देश भर के छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए दिख रहे है।
परीक्षा पर चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज यहां पीएम नहीं हूं बल्कि आप मुझे अपना दोस्त समझें। आज मुझे 10 करोड़ छात्रों और उनके अभिभावकों से चर्चा करने का मौका मिला है तो यह मेरी परीक्षा है। यह कोई पीएम का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है। चर्चा की शुरुआत सवालों और जवाबो के साथ हुई। तो चलिए आपको बताते है इस चर्चा में हुए सवालों और जवाबो के बारे में।
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सवाल- छात्रों ने सवाल पूछा कि पूरी तैयरी और अच्छी मेहनत के बावजूद भी पेपर जब हाथ में आता है तो ऐसा लगता है कि सब भूल गए और परीक्षा होने के बाद भी परिणाम आने तक तनाव बना रहता है इससे कैसे बचें?
जवाब- इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यदि आत्मविश्वास नहीं है तो सफल नहीं होंगे। आप 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करों लेकिन आत्मविश्वास नहीं है तो भगवान भी कुछ नहीं कर पाएंगे। आत्मविश्वास किसी के कहने या भाषण देने से नहीं आता बल्कि हमें अपने आप को कसौटी पर परखने से आता है। यह हर कदम पर कोशिश करने से बढ़ता है इसलिए हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि मैं जहां हूं वहां से आगे जाने के लिए जो करना होगा मैं करूंगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने विंटर ओलंपिक में मेडल जीतने वाले एक खिलाड़ी का बारे में बताते हुए कहा कि वो 11 महीने पहले घायल हो गया था लेकिन उसने इतने कम समय में भी मेडल जीता। उसने मेडल के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि थैंक्यू जिंदगी। इसका मतलब यह है कि आत्मविश्वास हमारे प्रयासों से आता है। स्कूल जाते वक्त इस बात को अपने मन से निकाल दो कि कोई आपकी परीक्षा लेगा और अंक देगा। यह तय करके परीक्षा दो कि मैं अपना भविष्य मैं तय करूंगा कोई और नहीं।
सवाल- माता-पिता अच्छे नंबर की अपेक्षा करते हैं और संतुष्ट नहीं होते। दूसरों से तुलना करते हैं।
जवाब- अपने ताकत को पहचाने और उस पर काम करें। आप प्रतिस्पर्धा में पड़ते क्यों है? जब भी आप ऐसा करते हैं तो आप तनाव में पड़ जाते हैं। आप अनुस्पर्धा करिए, खुद के साथ स्पर्धा करिए।’ आप लोग युद्ध या खेल के विज्ञान को जानते होंगे, उसमें एक सुझाव आता है कि प्रतिद्वंदी को अपने पाले में लाकर पछाड़ो लेकिन आप इसमें क्यों उलझते हैं। आप खुद को प्रतिस्पर्धा के दायरे में लाओ। खुद के साथ प्रतिस्पर्धा करो, पहले से ज्यादा मेहनत करो।
सवाल- करियर के ऑप्शन बहुत हैं लेकिन क्या बनें यह कन्फ्यूजन कैसे दूर करें।
जवाब- पीएम ने कहा कि ‘कुछ करना चाहता हूं’ यह सोच अपने पर से स्वतंत्रता खो देती है। मुझे कुछ करना है यह मन में तय कर ले लेकिन यह नहीं की क्या करें। करियर शब्द से गुलाम बन जाते हैं। कुछ करने का इरादा होगा तो सारे रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। अपने आप में कुछ नया करने का इरादा पैदा करें तो जो कर रहे हैं उसे करते-करते जो आप बन जाएंगे वो अलग आनंद देगा।
इसके साथ ही इस चर्चा में पीएम मोदी ने योग को लेकर भी बाते की और उन्होंने कहा कि जिससे आप फ्रैश महसूस करेंगे वो योग है। अंत में एक छात्र द्वारा पीएम से 2019 के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल का भी पीएम ने सहजता से जवाब देते हुए कहा कि मैं लोगों की सेवा में लगा हूं और बाकी चीजें मेरे लिए बाय प्रोडक्ट हैं।